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किस्म गलत बता जमीन रजिस्ट्री कराने वाले घिरे

पारू निबंधन कर्यालय से वर्ष 2004 से जनवरी 2019 तक 15 करोड़ की टैक्स चोरी करने वाले क्रेताओं की करोड़ों की जमीन अब नीलाम होने की स्थिति में आ गई है। जमीन की किस्म बदलकर शुल्क की चोरी करने वाले इन 40...

किस्म गलत बता जमीन रजिस्ट्री कराने वाले घिरे
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरThu, 26 Sep 2019 03:21 PM
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पारू निबंधन कर्यालय से वर्ष 2004 से जनवरी 2019 तक 15 करोड़ की टैक्स चोरी करने वाले क्रेताओं की करोड़ों की जमीन अब नीलाम होने की स्थिति में आ गई है। जमीन की किस्म बदलकर शुल्क की चोरी करने वाले इन 40 क्रेताओं की जमीन नीलाम करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अवर निबंधक की इस कार्रवाई से टैक्स चोरों में हड़कंप मच गया है।

पारू निबंधन कार्यालय की सीमा पूर्व में मोतीपुर, सरैया, पारू, साहेबगंज तक थी, बाद में मोतीपुर इससे अलग हो गया। लेकिन वर्ष 2004 से 2019 जनवरी तक 40 जमीन क्रेता सरकार को 15 करोड़ का चूना लगा गए। ये जमीन क्रेता इन्हीं चार प्रखंडों की जमीन खरीदे थे। मामला उजागर होने के बाद इन क्रेताओं की जमीन के किस्म की जांच करायी गई। जांच में पाया गया कि सभी 40 क्रेताओं ने आवासीय व व्यावसायिक जमीन को धनहर बता रजिस्ट्री करा ली थी। इस धोखाधड़ी से सरकार को करीब 15 करोड़ के टैक्स का नुकसान हुआ। इसके बाद अवर निबंधक ने मामले को महानिबंधक के यहां जांच के लिए भेजा था, वहां भी आरोपों की पुष्टि हुई।

इसके बाद सभी 40 क्रेताओं को अवर निबंधक ने चारी की गई टैक्स की राशि जमा करने का नोटिस जारी किया। तीन बार नोटिस देने में ही साल बीत गये। इसके बाद अवर निबंधक ने नीलाम पदाधिकारी को उनकी जमीन नीलाम करने का प्रस्ताव भेज दिया है। रकबे के हिसाब से इनकी जमीन की कीमत अभी करोड़ों में हैं। अवर निबंधक ने बताया कि प्रावधान के अनुसार नोटिस के 90 दिन बाद ही संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की जा सकती थी, लेकिन सभी क्रेताओं को टैक्स चुकाने का पूरा मौका दिया गया।

चार प्रखंड के 40 क्रेताओं ने जमीन का किस्म बदल करीब 15 करोड़ टैक्स की चोरी की थी। इन्हें विधिवत तीन बार बाकी टैक्स जमा करने की नोटिस दी गई, लेकिन ये टर्नअप नहीं हुए। अब इनकी जमीन के नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है।

- मो. एजाज हसन, अवर निबंधक

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