यातना गृह से कम नहीं थी भवन की बनावट
बालिका गृह की बनावट किसी यातना गृह से कम नहीं है। पांच मंजिला भवन में कई कमरे व हॉल हैं, लेकिन किसी में एक खिड़की या रोशनदान तक नहीं है। दरवाजे व गलियारे काफी तंग है। जांच करने गई एक बार तो जांच...
बालिका गृह की बनावट किसी यातना गृह से कम नहीं है। पांच मंजिला भवन में कई कमरे व हॉल हैं, लेकिन किसी में एक खिड़की या रोशनदान तक नहीं है। दरवाजे व गलियारे काफी तंग है। जांच करने गई एक बार तो जांच एजेंसी भी ब्रजेश की इस मायानगरी में गच्चा खा गई थी। बालिका गृह में जाने के लिए 62 सीढ़ियां हैं, लेकिन इसकी चौड़ाई एक बांस की सीढ़ी से भी कम है। इसकी बनावट काफी संकरी है। छत पर करीब आठ फीट ऊंची दीवार है, जिसपर कीले लगी हैं। इस भवन के अंदर परिंदा भी पर नहीं मार सकता। इस स्थिति में वहां से यौन उत्पीड़न व हिंसा की शिकार बच्चियां कैसे भाग सकती थीं।
हॉल और कमरे में बिखरे थे कपड़े व खिलौने
गुरुवार से बालिका गृह को तोड़े जाने की कार्रवाई शुरू होने के बाद कार्यपालक अभियंता की अनुमति से मीडियाकर्मी बालिका गृह में प्रवेश कर सके। तंग सीढ़ियों से बालिका गृह तक पहुंचने के दौरान कुछ को पैर में चोट भी लगी। जहां बच्चियां रहती थीं, वहां के कमरे और हॉल में बच्चियों के कपड़े व खिलौने बिखेरे और धूल से सने थे। सभी उस यातना के गवाह थीं, जो बच्चियों पर किए गए थे।