शहर के पूर्वी इलाके में चर्म रोग का बढ़ रहा प्रकोप
बूढ़ी गंडक में बाढ़ के पानी में कमी व जलजमाव की समस्या से निजात के बाद बीमारियों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बाढ़ व बारिश के पानी से डूबे शहर के पूर्वी इलाके कई मुहल्लों में चर्म रोग का प्रकोप बढ़ गया...
बूढ़ी गंडक में बाढ़ के पानी में कमी व जलजमाव की समस्या से निजात के बाद बीमारियों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। बाढ़ व बारिश के पानी से डूबे शहर के पूर्वी इलाके कई मुहल्लों में चर्म रोग का प्रकोप बढ़ गया है। हर घर में चर्म रोग से लोग परेशान हो रह हैं। दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग की तैयारी सही नहीं है। हालांकि कन्हौली शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से ढाई सौ मरीजों का इलाज किया गया है। लेकिन इसकी संख्या बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग का जिला वैक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल विभाग ने नगर निगम को फॉगिंग करने को कहा है। इधर, प्रभावित मोहल्ले के लोगों को निजी दवा दुकानदारों का सहारा लेना पड़ रहा है। मोटी रकम से चर्म रोग रोकने की दवा खरीदकर अपना इलाज कर रहे है। डॉक्टरों का कहना है कि फंगल इन्फेक्शन से खुजली, दाद समेत लाल रंग का दाना शरीर के अंगों पर हो रहा है। इसका मुख्य कारण है जलजमाव व बजबजाते नाले का पानी। गंदगी से इन्फेक्शन बढ़ा हुआ है। अगर त्वरित कार्रवाई नहीं हुई तो डायरिया, डेंगू व चिकनगुनिया जैसी बीमारी फैल सकती है। मारवाड़ी हाईस्कूल में रह रही बाढ़ पीड़ित रीना देवी, किरण देवी ने बताया कि लकड़ीढ़ाई व जगन्नाथ मिश्रा कॉलेज के पास के जितने मोहल्ले हैं वहां हर घर में खुजली की बीमारी हो रही है। सर्दी खांसी के साथ चर्म रोग काफी बढ़ा हुआ है। किसी तरह से जुगाड़कर इलाज करवा रहे है।
इन मोहल्लों में फैली है बीमारी
आश्रमघाट, शिवपुरी, लुट्टनपुर व हनुमाननगर, सर्वोदय नगर, मिल्लत कॉलोनी, झीलनगर, कर्पूरीनगर, न्यू बालूघाट, लकड़ीढ़ाही, चंदवारा, छीट भगवतीपुर, मुक्तिधाम घाट के आसपास बसे मोहल्लों में बीमारी फैल रही है। कन्हौली पीएचसी के प्रभारी डॉ. अरविन्द कुमार ने बताया कि चंदवारा, शास्त्रीनगर, तीन पोखरिया, बहलखाना गुदरी रोड, शुक्ला रोड के स्लम इलाकों में तीन सौ मरीजों को दवा दी गई है। शेष मोहल्लों में आशा के जरिए कार्यक्रम चल रहा है।
शहर में लगेंगे कैंप : सीएस डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि शहरी पीएचसी को उनके क्षेत्र के स्लम व मुहल्लों में हाफ डे कैंप लगाने को कहा गया है। चर्म रोग के साथ अन्य बीमारियां होगी। इसका पता तभी चलेगा।