घायलों ने बतायी घटना की भयावहता
मुजफ्फरपुर। कार्यालय संवाददाता बॉयलर फटने से मेरे साथ काम कर रहे मजदूर के चीथड़े...

मुजफ्फरपुर। कार्यालय संवाददाता
बॉयलर फटने से मेरे साथ काम कर रहे मजदूर के चीथड़े उड़ गए। टुकड़ों में बटे शवों को देखा नहीं जा रहा था। मेरे दोनों पैर मलबे में दब चुके थे। इस कारण फैक्ट्री से भाग नहीं सका। मैं नूडल्स फ्राई करने वाली जगह पर था। बॉयलर के पास काम करने वाले अधिकतर मजदूर की मौत की चर्चा से डर गए।
सत्यम कुमार, खैरवा शिवहर
नूडल्स फैक्ट्री में मेंटेनेंस कार्य के लिए रविवार को हमलोगों को बुलाया गया था। मेंटेनेंस के दौरान बॉयलर फटने से मेरे साथ काम कर रहे मजदूरों की कुछ पलों में ही मौत हो गई। मेरा सिर मलबा की चपेट में आ गया। मैं जख्मी होने के बाद बेहोश हो गया। अस्पताल में आने पर होश आया।
कुंदन कुमार, मुशहरी
सुबह नौ बजे से फैक्ट्री में काम शुरू किया। करीब 45 मिनट तक काम करने के बाद अचानक जोर से धमाका हुआ। इसके बाद हमलोगों पर फैक्ट्री की छत व दीवाल क्षतिग्रस्त होकर गिरने लगा। बॉयलर का टूकड़ा भी तेजी से आकर हमलोगों को लगा। हमलोग दहशत में थे। इस बीच हमलोग चिल्लाते हुए भागने की कोशिश की।
संजीव कुमार साफी, बासोपट्टी बधुबनी
मेरे सिर पर अचानक फैक्ट्री का छत गिरा। इसमें मैं व अन्य मजदूर दब गए। छत पर मलवा जमा हो जाने से हमलोग बाहर नहीं पा रहे थे। बाहर से आ रही चिख व शोर से हमलोग और अधिक दशहत में आ गए थे। किसी तरह हिम्मत जुटाकर छत व मलवा का हटाकर बाहर निकले। इसके बाद स्थिति देखकर रौंगटे खड़े हो गए।
महादेव सदा, हरलाख मधुबनी
रोजाना की तरह हमलोग रविवार को सुबह फैक्ट्री में काम कर रहे थे। इस दौरान तेज धमाके की आवाज से हमलोग कुछ समझ पाते कि इससे पूर्व मलवे की ढेड़ में दब गए। साथ काम करने वाले मजदूर भी दबे थे। बचाने वाला भी कोई नहीं था। आसपास के
मजदूरों द्वारा शोर मचाये जाने पर सांस लौटी।
विशाल कुमार, नरकटियागंज
