जन्म के बाद नवजात के लिए पहला घंटा महत्वपूर्ण
मुजफ्फरपुर के साथ पूरे राज्य में शिशु मृत्यु दर को कम करना बड़ी चुनौती है। जन्म के बाद नवजात के लिए पहला घंटा महत्वपूर्ण होता है। यदि नर्स व एएनएम को बेहतर ढंग से प्रशिक्षित किया जाए तो नवजात की...
मुजफ्फरपुर के साथ पूरे राज्य में शिशु मृत्यु दर को कम करना बड़ी चुनौती है। जन्म के बाद नवजात के लिए पहला घंटा महत्वपूर्ण होता है। यदि नर्स व एएनएम को बेहतर ढंग से प्रशिक्षित किया जाए तो नवजात की जिंदगी बचायी जा सकता है। ये बातें एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार ने सोमवार को मेडिकल कॉलेज सभागार में कहीं। मौका था चार दिवसीय राज्य स्तरीय नियोनेटल केयर ट्रेनिंग के समापन का। इस ट्रेनिंग में राज्य के कई जिलों के सदर अस्पताल के शिशु रोग विशेषज्ञ, नर्स व एएनएम ने भाग लिया।
प्राचार्य ने बताया कि जिन अस्पतालों में नियोनेटल केयर यूनिट है, वहां की नर्सों व एएनएम को ट्रेनिंग दी गई है। एसकेएमसीएच ट्रेनिंग का नोडल केंद्र था। इस दौरान प्राचार्य ने प्रशिक्षण प्राप्त करने वालों को प्रमाण पत्र भी दिया। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. ब्रजमोहन ने शिशु मृत्यु दर बढ़ने के कारणों के बारे में बताया। ट्रेनिंग प्रशिक्षक शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जेपी मंडल, डॉ. यूएस विद्याथी व डॉ. रजनीश मिश्रा को सम्मानित किया गया। आगत अतिथियों का स्वागत संयोजन प्रभारी शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ. गोपालशंकर सहनी ने किया।