इंटर आर्ट्स के टॉपर गणेश ने गाइड से की थी परीक्षा की तैयारी
बिहार इंटरमीडिएट आर्टस की परीक्षा में टॉपर घोषित गणेश ने किताब की जगह पासपोर्ट और गेस पेपर से परीक्षा की तैयारी की थी। आर्थिक तंगी के कारण उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह किताब खरीद सके। इसी कारण...
बिहार इंटरमीडिएट आर्टस की परीक्षा में टॉपर घोषित गणेश ने किताब की जगह पासपोर्ट और गेस पेपर से परीक्षा की तैयारी की थी। आर्थिक तंगी के कारण उसके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह किताब खरीद सके। इसी कारण उसने पढ़ाई के लिए उन्हीं विषयों का चयन किया जिसमें कम मेहनत कर वह सफलता पा सके।
परीक्षाफल प्रकाशित होने के बाद पहली बार गुरुवार को मीडिया के सामने आये गणेश ने अपनी जिंदगी के दुखभरे पहलु से भी अवगत कराया।
बातचीत के दौरान पूछे गये कुछ सवालों का तो उसने ठीक से जबाव दिया, लेकिन कुछ सवाल पर भटकता भी दिखा। अनिवार्य विषय में से एक संगीत की पढ़ाई करने के सवाल पर उसने साफगोई से कहा कि कम मेहनत कर अधिक अंक लाने के लिए उसने इस विषय को चुना। उसने सार्वजनिक रूप से हारमोनियम पर सारेगामा बजा कर सुनाया पर संगीत के सुर व ताल के संबंध में पूछे गये कुछ सवाल का उसने ठीक से जबाव नहीं दिया। हिन्दी के कुछ कवि व लेखकों के नाम तो बताये पर उनकी जन्मतिथि नहीं बता पाया।
गणेश ने बताया कि कैंसर से पिता के 2009 में निधन के बाद पूरे परिवार की उस पर जिम्मेवारी आ गयी थी। आर्थिक तंगी के कारण वह काम की तलाश में समस्तीपुर आया। जहां पहले अखबार बेच कर गुजारा किया। फिर शिवाजीनगर के लक्ष्मीनिया हाईस्कूल के मैट्रिक की परीक्षा प्रथम श्रेणी में उतीर्ण की। उसके बाद आरएसजेएन इंटर कॉलेज में नामांकन कराया। उसने बताया उसकी गरीबी व बेवशी को देखते हुए कॉलेज प्रबंधन ने उसकी कुछ फीस माफ कर दी, जबकि शेष पैसे किस्त में जमा करने की अनुमति दी। इसी वजह से उसने यहां नामांकन कराया।
महादलित परिवार से आने वाले गणेश ने स्पष्ट रूप से यह भी कहा कि मेहनत मजदूरी करने के कारण वह नियमित क्लास नहीं कर पाता था। इसके बावजूद कॉलेज से उसे सहयोग मिलता था। उसने बताया कि वह पढ़ लिख कर किसी तरह सरकारी नौकरी करना चाहता है ताकि अपने परिवार का भरण पोषण कर सके।