अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश के विरोध में शिक्षक बुधवार से आंदोलन करेंगे। इस आदेश को वापस लेने तक आंदोलन चलता रहेगा। शिक्षकों ने कहा कि बिहार सरकार की नीतियों के परिणामस्वरूप शिक्षकों व अन्य कर्मियों की सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जा रही है। वहीं, कोरोना संक्रमण के बावजूद विधानसभा चुनाव में प्रतिनियोजन किया जा रहा है। इस आदेश से लगता है कि किसी भी कर्मी की नौकरी सुरक्षित नहीं है। जिला सचिव पवन कुमार ने कहा कि आश्चर्यजनक है कि उक्त आदेश में अक्षमता के मापदंडों को परिभाषित भी नहीं किया गया है। इसे वापस लेने के लिए गोलबंदी के साथ चरणबद्ध ढंग से आंदोलन शुरू किया गया है।
आदेश की प्रति जलाकर करेंगे प्रदर्शन
आंदोलन के पहले चरण में बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ गोप गुट, बिहार सचिवालय सेवा संघ, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ गोप गुट के राज्यव्यापी आह्वान पर बुधवार को जिला मुख्यालय में सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन करते हुए सामान्य प्रशासन विभाग बिहार द्वारा निर्गत आदेश की प्रति जलाकर विरोध-प्रदर्शन किया जाएगा। मौके पर जिला अध्यक्ष श्याम नंदन सिंह, नागेन्द्र राय, डॉ. पवन कुमार, संजय कुमार, अनुनय कुमार, रामाशंकर प्रसाद यादव, रजनीश कुमार, जाहिद हुसैन, लोकमान्य, राजमोहन दास आदि शिक्षक शामिल थे।