Supreme Court s Directive Enables Voter List Verification in Bihar 12 दलों के 1.60 लाख बीएलए पांच दिन में कर सकते समाधान , Muzaffarpur Hindi News - Hindustan
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12 दलों के 1.60 लाख बीएलए पांच दिन में कर सकते समाधान

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बिहार में राज्य निर्वाचन आयोग ने 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को मतदाता सूची की जांच 10 दिनों में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। आयोग के अनुसार, बिहार में 16 लाख...

Newswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुरSun, 24 Aug 2025 06:06 PM
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12 दलों के 1.60 लाख बीएलए पांच दिन में कर सकते समाधान

मुजफ्फरपुर, कुंदन कुमार। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य निर्वाचन आयोग ने जिलों को जो निर्देश दिया है, उसके अनुसार यदि 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल चाहें तो मतदाता सूची पर मचा घमासान 10 दिनों में समाप्त हो सकता है। आयोग ने बताया है कि सुप्रीम कोर्ट में पार्टी बने राज्य के 12 मान्यता प्राप्त दलों के पास ही कुल 1,60,813 लाख बीएलए हैं। बताया गया है कि सूबे में 16 लाख मतदाताओं के नाम कटे हैं। यदि एक बीएलए एक दिन में 10 मतदाताओं के नाम की पड़ताल कर ले तो पूरा मामला पांच दिनें में ही निपट जाएगा, जबकि दावा आपत्ति के लिए अभी लोगों के पास इससे अधिक समय बचा हुआ है।

राज्य निर्वाचन आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के साथ जिलों को जो रिपोर्ट भेजी है, उसके अनुसार मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के दौरान बिहार में कुल 2,63,275 नये मतदाता बने हैं। इनकी उम्र 18 वर्ष पूरी हुई है। वहीं, पूरे सूबे में कुल 84,305 मतदाताओं ने मतदाता सूची के प्रारूप पर दावा-आपत्ति पेश किया है। आयोग ने बताया है कि पूरे राज्य में केवल दो बीएलए ने दो मतदाताओं के लिए ही आपत्ति दर्ज करायी है। आयोग के अनुसार बिहार में मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल में आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी, भारतीय जनता पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया, माक्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, इंडियन नेशनल कांग्रेस, नेशनल पिपुल्स पार्टी, जनता दल यू, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास), राष्ट्रीय जनता दल, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी व राष्ट्रीय लोक समता पार्टी जैसी 12 पार्टियां हैं। इनके पास कुल 1.60 लाख बीएलए मौजूद हैं। आयोग ने कहा है कि यदि एक बीएलए एक दिन में कम से कम 10 मतदाताओं के नाम की जांच पड़ताल करें तो पांच दिन में ही 16 लाख मतदाताओं के नामों की जांच पूरी हो जाएगी। आयोग ने यह भी कहा है कि एक सितंबर तक का समय राजनीतिक दलों के पास है और यह बीएलए के लिए पर्याप्त है। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की प्रति भेजते हुए सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारियों से उसके अनुपालन कराने का निर्देश दिया है, ताकि आगे की सुनवाई में कोर्ट को वस्तुस्थिति से अवगत कराया जा सके।

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