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उपन्यास हिन्दी साहित्य की सशक्त विधा

आरके मिशन बेलाश्रम में रविवार को बीआरए बिहार विवि हिन्दी विभाग एवं रामकृष्ण मिशन के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें ‘हिन्दी उपन्यास में लोक संस्कृति विषय पर वक्ताओं ने...

उपन्यास हिन्दी साहित्य की सशक्त विधा
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरMon, 27 May 2019 03:21 PM
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आरके मिशन बेलाश्रम में रविवार को बीआरए बिहार विवि हिन्दी विभाग एवं रामकृष्ण मिशन के संयुक्त तत्वाधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें ‘हिन्दी उपन्यास में लोक संस्कृति विषय पर वक्ताओं ने चर्चा की।

विशिष्ट अतिथि पूर्व कुलपति प्रो. रिपूसूदन प्रसाद श्रीवास्तव ने कहा कि उपन्यास हिन्दी साहित्य की एक सशक्त विधा है। प्रेमचंद ने अपने उपन्यासों से भारतीय जनता के जीवन की सच्चाई को उजागर किया तो बंकिमचंद ने भारत की मुक्ति के लिए आवाज बुलंद की।

मुख्य अतिथि वीसी डॉ़ अमरेन्द्र नारायण यादव ने कहा कि ऐसे आयोजन से शिक्षण में मदद मिलती है। उन्होंने ऐसे कार्यक्रमों में हर संभव सहयोग करने का आश्वासन दिया। सचिव स्वामी भावात्मानंद जी महाराज ने अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने फनीश्वर नाथ रेणु के ‘मैला आंचल और आचार्य शिवपूजन सहाय के ‘देहाती दुनिया का विशेष रूप से उल्लेख कया। लोक संस्कृति के विशेषज्ञ भगवान दास मोखाल इस आजोन में विशेष रूप से आमंत्रित थे। हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो़ पूनम सिन्हा ने विषय प्रवेश कराया। प्रो़ सत्यकाम से प्रो़ सतीश कुमार राय, डॉ़ सुन्देश्वर दास, डॉ़ रेवती रमण, डॉ़ संजय पंकज ने संवाद किया। संचालन त्रिविक्रम नारायण व धन्यवाद ज्ञापन हजारी प्रसाद सिंह ने किया। मौके पर गोपालजी वर्मा, प्रो़ श्रीनारायण सिंह, विजय कुमार, प्रसाद नारायण, प्रभात किरण, अध्ययन मंडल के सदस्य, छात्र, शिक्षक भी थे।

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