ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार मुजफ्फरपुरलघु व कुटीर उद्योग, स्थानीय बाजार प्रणाली और स्वदेशी परंपरा जरूरी

लघु व कुटीर उद्योग, स्थानीय बाजार प्रणाली और स्वदेशी परंपरा जरूरी

आरडीएस कॉलेज और दर्शन परिषद की ओर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का समापन गुरुवार को...

लघु व कुटीर उद्योग, स्थानीय बाजार प्रणाली और स्वदेशी परंपरा जरूरी
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरThu, 11 Jun 2020 08:14 PM
ऐप पर पढ़ें

आरडीएस कॉलेज और दर्शन परिषद की ओर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय वेबिनार का समापन गुरुवार को हुआ। दिल्ली विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. अरविंद गुप्ता ने समकालीन भारतीय सामाजिक-राजनीतिक-आर्थिक परिदृश्य और आत्मनिर्भर संकल्पना के मध्य दार्शनिक अवधारणाओं के आधार पर सम्यक समाधान तलाशने की तकनीकी पर विचार रखें। प्राचार्य डॉ. ओम प्रकाश सिंह ने इस वेबिनार को सफल बताया। कहा कि कोविड-19 के समय इस तरह के वेबिनार से शिक्षक, छात्रों व शोधार्थियों को लाभ मिलेगा। अथिति वक्ता विवि संरक्षक डॉ. राकेश सिंह ने अर्थव्यवस्था की मुख्य समस्यायों को उजागर किया। लघु और कुटीर उद्योग, स्थानीय बाजार प्रणाली और स्वदेशी परंपरा को आवश्यक बताते हुए गांधीजी के सपनों का भारत सिद्धांत को प्रासंगिक बताया। दर्शनशास्त्र की विभागाध्यक्ष डॉ. इंद्रा कुमारी ने वक्ताओं का संक्षिप्त परिचय कराते हुए स्वागत किया। समन्वयक डॉ. पयोली ने कहा कि देश के सभी कोनों से लगभग 1000 से ज्यादा प्रतिभागियों ने इस राष्ट्रीय वेबिनार में हिस्सा लिया। इनमें उत्तर प्रदेश, केरल, राजस्थान, महाराष्ट्र, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर-पूर्वी राज्यों के ढेर सारे लोग शामिल रहे। संचालन डॉ. रेखा श्रीवास्तव ने किया। उन्होंने तकनीकी सत्र के संदर्भ में जानकारी दी। कार्यक्रम संयोजक डॉ. रमेश कुमार विश्वकर्मा ने वेबिनार से जुड़ी समस्त योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया। इस दौरान तकनीकी एक्सपर्ट प्रो. राजीव कुमार, डॉ. शैल कुमारी, डॉ. रेणु बाला, डॉ. अनुराधा पाठक और डॉ. रेखा श्रीवास्तव रहीं। अंत में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए और आयोजन को बेहतर एवं सफल बताया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें