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एसकेएमसीएच में ट्रॉली बिना तड़पती रही प्रसूता, ऑटो बना प्रसव कक्ष

एसकेएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड के पास शुक्रवार को ट्रॉली नहीं मिलने से एक प्रसूता का ऑटो में ही प्रसव कराना पड़ गया। डॉक्टर व नर्स से गुहार लगाने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो लाचार परिजनों ने ऑटो में...

एसकेएमसीएच में ट्रॉली बिना तड़पती रही प्रसूता, ऑटो बना प्रसव कक्ष
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरSat, 01 Feb 2020 01:55 AM
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एसकेएमसीएच के इमरजेंसी वार्ड के पास शुक्रवार को ट्रॉली नहीं मिलने से एक प्रसूता का ऑटो में ही प्रसव कराना पड़ गया। डॉक्टर व नर्स से गुहार लगाने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई तो लाचार परिजनों ने ऑटो में ही कपड़ा तान डिलीवरी कराई। इस दौरान जच्चा-बच्चा की जिंदगी खतरे में पड़ गई। ट्रॉलीमैन की खोज में परिजन काफी देर दौड़ लगाते रहे। अंत में खुद ही ट्रॉली लाकर जच्चा-बच्चा को प्रसव वार्ड में भर्ती कराया। बेशर्मी की हद तब हो गई, जब प्रसव वार्ड में बख्शीश के लिए नर्स ने बच्चे को परिजनों को नहीं दिया। एक घंटे तक बच्चे के लिए परिजन गुहार लगाते रहे। उन्होंने इसकी शिकायत स्वास्थ्य प्रबंधक से की। इसके बाद नर्स ने बच्चा परिजनों को सौंपा। इलाज के बाद जच्चा-बच्चा की हालत में सुधार हुआ।

प्रसूता के पिता प्रमोद राम ने बताया कि वह शिवहर के तरियानी छपरा गांव के रहने वाले हैं। बेटी संजू देवी का ससुराल मोतिहारी के राजेपुर में है। पहला बच्चा होने के कारण मायके में रह रही थी। वहां के डॉक्टर ने गर्भ में पल रहे शिशु को उल्टा बताकर ऑपरेशन कराने की सलाह दी थी। संजू की हालत खराब होने पर एसकेएमसीएच लेकर पहुंचे थे। प्रसव पीड़ा से कराह रही थी। इमरजेंसी वार्ड के पास पहुंचने पर कोई ट्रॉलीमैन नहीं मिला। इमरजेंसी से लेकर प्रसव वार्ड तक डॉक्टर, नर्स व स्वास्थ्य कर्मियों से भी गुहार लगाई, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। आधा घंटे तक इमरजेंसी वार्ड के बाहर ऑटो पर ही प्रसव पीड़ा से कराहती रही। मदद नहीं मिलने पर विवश होकर संजू देवी की मां ने किसी तरह ऑटो में कपड़ा तान प्रसव कराया। इसके परिजन बाद स्वयं ट्रॉली पर जच्चा-बच्चा को लेकर प्रसव वार्ड पहुंचे। परिजनों का आरोप है कि प्रसव वार्ड में नर्स बख्शीश में रुपये की मांग करने लगी।

वहीं, स्वास्थ्य प्रबंधक सचिन कुमार ने बताया कि आउट सोर्सिंग के तहत ट्रॉलीमैन बहाल हैं। इमरजेसी में हर शिफ्ट में 16 ट्रॉलीमैन रखने का आदेश है। इसके बावजूद एजेंसी कम ट्रॉलीमैन को रख रही है। दोपहर में इमरजेंसी के पास से सभी ट्रॉलीमैन फरार थे।

मरीजों को ट्रॉली नहीं मिलना घोर लापरवाही है। दोपहर की शिफ्ट में ड्यूटी से गायब ट्रालीमैन पर कार्रवाई की जा रही है। एजेंसी संचालक से भी जवाब मांगा गया है। लापरवाह ट्रॉलीमैन को ड्यूटी से हटाया जाएगा।

डॉ. सुनील कुमार शाही, अधीक्षक, एसकेएमसीएच

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