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ट्रांसफॉर्मर फूंके... गल गए तार, आठ घंटे में सौ बार से अधिक बिजली गुल

ट्रांसफॉर्मर फूंके... गल गए तार, आठ घंटे में सौ बार से अधिक बिजली गुल

संक्षेप: मुजफ्फरपुर में भीषण गर्मी के बीच बिजली संकट गहरा गया है। 50 हजार से अधिक लोग रातभर बिजली की ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की समस्या से परेशान रहे। बिजली कंपनी के उपकरण पुराने होने के कारण समस्या और भी बढ़ गई...

Fri, 25 July 2025 07:26 PMNewswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुर
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मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। भीषण गर्मी के बीच बिजली संकट गहरा गया है। शहर को बुधवार की रात और गुरुवार को ग्रिड से पावर सब स्टेशन का फुल लोड यानी करीब 400 मेगावाट बिजली मिली। लेकिन, पुराने उपकरणों की वजह से बिजली कंपनी लोड संभाल नहीं सकी। कहीं ट्रांसफॉर्मर जलने से तो कहीं केबल में आग लगने से बिजली आपूर्ति बाधित हुई। कई जगह जंफर गलकर टूट गया और इंशुलेटर ब्लास्ट हो गया। इससे शहर के ज्यादातर क्षेत्रों में लोग पूरी रात बिजली की ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज की समस्या से जूझते रहे। इसका असर घरेलू के साथ व्यावसायिक उपभोक्ताओं पर भी पड़ा।

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शहर की 50 हजार से अधिक की आबादी रही परेशान एमआईटी, बालूघाट, सिकंदरपुर, ब्रह्मपुरा, लक्ष्मी चौक, कल्याणी, मिस्कॉट, मिठनपुरा के शास्त्री नगर, अघोरिया बाजार, रामदयालु नगर, भगवानपुर, दामोदरपुर आदि इलाकों में रात आठ बजे से सुबह के चार बजे तक ट्रिपिंग व लो-वोल्टेज से 50 हजार से अधिक आबादी परेशान रही। बालूघाट के मोती ठाकुर, आरबी शाही, मनोज कुमार आदि ने बताया कि सुबह चार बजे के बाद कुछ हद तक राहत मिली। लेकिन, पुन: सुबह छह बजे के बाद अधिकांश इलाकों में यह समस्या शुरू हो गयी, जो दोपहर तक चला। फिर शाम होते ही यह समस्या शुरू हो गयी। पीटीआर पर अधिक लोड से हो रही थी ट्रिपिंग बिजली कंपनी के कनीय अभियंताओं ने बताया कि पावर सब स्टेशन स्तर पर कई तरह की दिक्कतें हैं। सबसे बड़ी परेशानी है कि पावर ट्रांसफॉर्मर की लोड शिफ्टिंग नहीं हो रही है। इससे फुललोड बिजली आपूर्ति होने पर तकरीबन सभी फीडरों का पावर ट्रांसफॉर्मर ओवरलोड हो जाता है। हर पीटीआर पर दो से तीन मेगावाट बिजली अधिक होती है। इससे उसके खराब होने या ब्रेकर के ब्रेक करने की संभावना रहती है, जिससे बिजली आपूर्ति बाधित होती है। कुछ अभियंतओं ने बताया कि उन लोगों ने मुख्यालय को पीटीआर के लिए प्रस्ताव भेजा है। बुधवार को 11 केवीए में ट्रिपिंग की समस्या नहीं थी। स्थानीय स्तर पर समस्या हुई होगी। इसकी रिपोर्ट तलब की गयी है। गर्मी अधिक होने से लोड भी बढ़ाया गया था, लेकिन, एमआइटी पावर सब स्टेशन इलाके में केबल व ट्रांसफॉर्मर जलने की समस्या से परेशानी हुई। खुद इसकी मॉनिटरिंग कर रहे थे। समस्या को जल्द दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। -पंकज राकेश, अधीक्षण अभियंता, मुजफ्फरपुर विद्युत अंचल देर रात सड़क पर भटकते रहे उपभोक्ता सिकंदपुर के शशांक कुमार, अमोद सिंह, प्रशांत रंजन ने बताया कि बुधवार को रात आठ बजे से सुबह चार बजे के बीच करीब 100 से अधिक बार बिजली की ट्रिपिंग हुई। गुरुवार को भी यह समस्या रही। लेकिन थोड़ी संख्या कम। कुछ घर के बिजली उपकरण भी खराब हुए। लो वोल्टेज से पानी का मोटर नहीं चल सका। दैनिक कार्य प्रभावित हुए। लोगों की रात की नींद खराब हुई। देर रात को लोग सड़क पर भटकते रहे। पॉलीमर मोल्डिंग में आयी परेशानी बेला औद्योगिक क्षेत्र स्थित प्लास्टिक उत्पादक फैक्ट्रियों के उत्पादन पर भी बुरा असर पड़ा। पॉलिमर को मोल्ड करने की प्रक्रिया में बिजली की ट्रिपिंग और लो-वोल्टेज से बाधा आई। कई डेयरी उत्पाद भी खराब हो गये। बिजली की ट्रिपिंग से कई निजी अस्पतालों में बिजली के होने के बावजूद जेनरेटर पर आईसीयू और ऑपरेशन थिएटर में आपूर्ति देनी पड़ी। कनीय अभियंता भी नहीं उठा रहे थे कॉल भगवानपुर के उपभोक्ता सतीश चंद्र शेखर व मनोज सिंह ने बताया कि रात में बिजली संकट के समय बिजली कंपनी के कॉल सेंटर भी ‘फ्यूज हो जाते हैं। वे लोग भी कॉल रिसिव नहीं करते है। अगर रिसिव भी हो गया तो 20-22 मिनट लाइन पर रखते हैं। फिर भी समस्या की जानकारी वे नहीं दे पाते हैं। साथ ही कनीय अभियंता भी उपभोक्ताओं के कॉल नहीं उठा रहे थे। पुराने उपकरण पर टिकी है व्यवस्था : रिटायर अभियंता बिजली विभाग से रिटायर सहायक विद्युत अभियंता रमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि मुजफ्फरपुर में लोड की कमी नहीं है। औसतन बिजली 21-23 घंटा रहती है। लेकिन, संसाधन व उपकरण 10 साल से पहले का लगा है। इससे फुल लोड बिजली को बर्दास्त नहीं कर पाता है। बिजली कंपनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कंपनी मेंटनेंस के नाम पर खानापूर्ति करती है। अगर 70 फीसदी भी काम ईमानदारी से करते तो बिजली की व्यवस्था अच्छी होती है।