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त्याग हमारी आत्मा को स्वस्थ और सुंदर बनाता

त्याग हमारी आत्मा को स्वस्थ और सुंदर बनाता है। त्याग का संस्कार हमें प्रकृति से ही मिला है। पेड़ में पत्ते आते हैं और झड़ जाते हैं। फल लगते हैं और गिर जाते हैं। गाय अपना दूध स्वयं छोड़ देती है। सांस...

त्याग हमारी आत्मा को स्वस्थ और सुंदर बनाता
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरTue, 10 Sep 2019 07:42 PM
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त्याग हमारी आत्मा को स्वस्थ और सुंदर बनाता है। त्याग का संस्कार हमें प्रकृति से ही मिला है। पेड़ में पत्ते आते हैं और झड़ जाते हैं। फल लगते हैं और गिर जाते हैं। गाय अपना दूध स्वयं छोड़ देती है। सांस लेने के साथ उसे छोड़ना भी जरूरी है। ये बातें मध्य प्रदेश से आये महेंद्र कुमार जैन शास्त्री ने मंगलवार को मोतीझील दिगंबर जैन मंदिर में कही। वे यहां पर्युषण पर्व के आठवें दिन उत्तम त्याग धर्म पर प्रवचन दे रहे थे। उन्होंने कहा कि उपकार की भावना से अपनी वस्तु का त्याग करना दान है। पहली बात यह कि उपकार बुद्धि हो और दूसरी बात कि अपनी वस्तु हो तभी दान त्याग में आएगा। इससे पूर्व महावीर भगवान का गुणगान करते हुए उनका मंगल प्रक्षालन व महाअभिषेक किया गया। शांतिधारा भाई ओमप्रकाश ने कराई। मौके पर पर मंदिर के महामंत्री रविंद्र जैन, अध्यक्ष सुमेर चंद, कोषाध्यक्ष राजेश जैन, सह कोषाध्यक्ष ओम प्रकाश, राकेश कुमार, अमर चंद, नवीन चंद, महेश चंद, टीकमगढ़ से पहुंचे मुन्ना लाल, मनोज कुमार, ऋषभ कुमार, अभिषेक कुमार, चक्रेश कुमार, अनिल कुमार, नवीन कुमार, दिनेश कुमार, शशि जैन, कुसुम जैन, अनीता जैन, वीणा जैन, सुशीला जैन, अंजू जैन, रुचि जैन, बिनीता जैन, शालू जैन भी मौजूद थीं।

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