Hindi NewsBihar NewsMuzaffarpur NewsReviving Bajjhi Painting Nirmala Devi Inaugurates Workshop in Muzaffarpur
बज्जि पेंटिंग का संबंध प्रागैतिहासिक काल से है

बज्जि पेंटिंग का संबंध प्रागैतिहासिक काल से है

संक्षेप: मुजफ्फरपुर में दो दिवसीय बज्जि पेंटिंग कार्यशाला का उद्घाटन निर्मला देवी ने किया। उन्होंने बताया कि बज्जि पेंटिंग का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से जुड़ा है। कंचन प्रकाश ने इस कला को पुनर्जीवित करने में...

Mon, 11 Aug 2025 03:08 AMNewswrap हिन्दुस्तान, मुजफ्फरपुर
share Share
Follow Us on

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। थियोसोफिकल लाज नया टोला दो दिवसीय बज्जि पेंटिंग कार्यशाला का उद्घाटन बज्जिका सुजनी कला के लिए पद्मश्री सम्मान से सम्मानित निर्मला देवी ने किया। मुख्य अतिथि उदय नारायण सिंह ने कहा कि बज्जि पेंटिंग का संबंध प्रागैतिहासिक काल से है। तब के लोग अपनी गुफाओं की पहचान के लिए गुफाओं के बाहर चित्र बनाते थे, जिससे उनके गुफाओं की पहचान होती थी। वहीं कला समयानुसार कबीलों से होते हुए देश, राज्य और अचल की पहचान बनीं। वैशाली और चेचर की पुरातात्विक खुदाई से प्राप्त मिट्टी के बर्तनों पर विभिन्न प्रकार की कला कृति मिली। वहीं कला कृतियां आज बज्जि पेंटिंग के नाम से जानी जा रही है।

LiveHindustan को अपना पसंदीदा Google न्यूज़ सोर्स बनाएं – यहां क्लिक करें।

इस बज्जि पेंटिंग को पुनर्जीवित करने का श्रेय मुजफ्फरपुर की बेटी कंचन प्रकाश को जाता है,जिनकी पेंटिंग भारत के संग्रहालय की ही शोभा नहीं है बल्कि सात समुन्दर पार इटली, फ्रांस और बेल्जियम के संग्रहालय की भी शोभा है। चितरंजन सिंह कनक ने कहा कि वह दिन दूर नहीं कि बज्जि पेंटिंग अपना खोया सम्मान प्राप्त करेगा। केदार प्रसाद गुप्ता ने कहा अब बज्जिका और बज्जि पेंटिंग ने रफ्तार पकड़ लिया है यह किसी से रूकने वाला नहीं है। आचार्य चंद्रकिशोर पराशर ने कहा कंचन प्रकाश द्वारा यह एक अच्छी शुरुआत है। निश्चित रूप से इससे बज्जिका और बज्जि पेंटिंग देश ही नहीं विदेशों में भी जाना जाएगा। कंचन प्रकाश ने कहा कि इस कार्यशाला में दर्जनों बच्चों ने भाग लिया है जो बज्जिकांचल के लिए मिसाल और गौरव-गरिमा का परिचायक है।