रिजर्वेशन टिकट लेने के लिए याद रखना होगा गंतव्य शहर का पिन कोड
यदि आप ट्रेन की आरक्षित बोगी में सफर करने का मन बना रहे हैं तो आपको गंतव्य शहर का पिन कोड याद रखना होगा। यदि पिन कोड याद नहीं है तो रिजर्वेशन टिकट लेने में मुश्किल आ सकती है या शायद टिकट भी न...
यदि आप ट्रेन की आरक्षित बोगी में सफर करने का मन बना रहे हैं तो आपको गंतव्य शहर का पिन कोड याद रखना होगा। यदि पिन कोड याद नहीं है तो रिजर्वेशन टिकट लेने में मुश्किल आ सकती है या शायद टिकट भी न मिले।
कोरोना के कारण रेलवे ने एहतियातन रिजर्वेशन टिकट लेने से लेकर सफर करने तक कई नियमों में बदलाव किया है। इसमें बेहद महत्वपूर्ण है, रिजर्वेशन टिकट के फॉर्मेट में किया गया बदलाव। अब रिजर्वेशन फॉर्म भरते वक्त अनिवार्य कर दिया गया है कि यात्री अपने गंतव्य शहरों के पिन कोड जरूर आवेदन में भरें। साथ ही जिस शहर में जा रहे हैं, वहां का विस्तृत पता देना होगा। नियमों के हुए बदलाव से यात्रियों को सबसे अधिक समस्या झेलनी पड़ रही है। बीते मंगलवार व बुधवार को कई यात्रियों का रिजर्वेशन टिकट इसलिए नहीं हो सका कि वह जहां जा रहे थे, उनको वहां का पिन कोड नहीं पता था। वहां रहने वाले रिश्तेदार को भी पिन कोड नहीं मालूम था।
पिन कोड के कारण हर दूसरे यात्री का फंसता रिजर्वेशन
कोरोना को लेकर पहले गंतव्य स्थानों का पता लिखना अनिवार्य किया गया। अब गंतव्य स्थानों के पते के साथ पिन कोड देना भी अनिवार्य किया गया है। इस कारण मुजफ्फरपुर जंक्शन पर रोज हर दूसरे यात्री को रिजर्वेशन टिकट लेने में दिक्कत आ रही है। यदि रिजर्वेशन लेने वालों की भीड़ कम रहती है तो टिकट क्लर्क पिन कोड नेट से खोजकर उपलब्ध करा देता है। भीड़ रहने पर यात्री को खुद पिन कोड पता करना पड़ा है।
इसलिए पिन कोड किया गया अनिवार्य
पहले रिजर्वेशन टिकट लेने के लिए पिन कोड अनिवार्य नहीं था। जहां से सफर करना होता था, उस शहर का अस्थायी या स्थायी पता देना होता था। लेकिन कोरोना संक्रमण के बीच ट्रेन परिचालन शुरू होने पर संक्रमित मरीज के सफर करने की स्थिति में उनकी तलाश आसानी से हो सके, इसलिए संबंधित शहर के पता के साथ पिन कोड अनिवार्य किया गया है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए रेलवे की ओर से ट्रेनों में सफर करने वाले यात्रियों को गंतव्य शहरों के पते के साथ रिजर्वेशन फॉर्म पर पिन कोड देना अनिवार्य कर दिया गया है।
-आरके सिंह, पीआरओ, सोनपुर रेल मंडल