टीबी पीड़ित पत्नी को ईसीजी कराने गोद में ले गया राजू
टीबी पीड़ित पत्नी कंचन को ईसीजी जांच कराने के लिए राजू को एसकेएमसीएच टीबी सेंटर से जांच केंद्र तक गोद में उठाकर ले जाना पड़ा। उसे टीबी सेंटर में...
मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता।
टीबी पीड़ित पत्नी कंचन को ईसीजी जांच कराने के लिए राजू को एसकेएमसीएच टीबी सेंटर से जांच केंद्र तक गोद में उठाकर ले जाना पड़ा। उसे टीबी सेंटर में ट्रॉली नहीं मिली। वह शिवहर के तरियानी से पत्नी को टीबी की जांच कराने लेकर आया था।
राजू ने बताया कि पत्नी की तबीयत काफी खराब है। इसलिए वह चल नहीं सकती है। ट्रॉलीमैन से टीबी सेंटर आने के लिए कहा। इसपर उसने पैसे मांगे। पैसे नहीं थे, इसलिए पत्नी को गोद में उठाकर ले जाना पड़ा। इस संबंध में एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. बाबू साहब झा ने बताया कि ट्रॉलीमैन को टीबी और डॉट्स सेंटर भी मरीजों के लिए जाना है। यदि वे नहीं जा रहे हैं तो कार्रवाई की जाएगी।
ईसीजी सेंटर जाने में हांफ गया राजू
राजू पत्नी को टीबी सेंटर से लेकर ईसीजी सेंटर गया। दोनों की बीच की दूरी करीब 200 मीटर है। इतनी दूर पत्नी को गोद में उठाकर चलने में राजू भी हांफ गया था। उसने बताया कि यदि स्ट्रेचर या ट्रॉली मिल जाती तो आसानी होती। हर पांच -दस कदम चलने के बाद रुक जाना पड़ा।
टीबी सेंटर नहीं जाते हैं ट्रॉलीमैन
टीबी सेंटर के कर्मियों ने बताया कि कई बार ट्रॉलीमैन को कहने के बाद भी वह सेंटर पर नहीं आते हैं। उनका जवाब होता है कि इमजरेंसी से टीबी सेंटर आने में ट्रॉली के पहिये टूट जाते हैं। कई बार मरीजों को जांच कराने पैदल चलकर या गोद में उठाकर ले जाना पड़ता है। एसकेएमसीएच में अभी 35 ट्रॉली और 120 ट्रॉलीमैन काम कर रहे हैं। ट्रॉलीमैन तीन शिफ्ट में काम करते हैं।