बाढ़ आने के बाद टूटे तटबंधों की मरम्मत पर उठ रहे सवाल
भोज के वक्त कोहरा रोपने चला जल संसाधन विभाग। औराई में टूटे तटबंधों से जब पानी गांव में फैलने लगा तो जल संसाधन विभाग की नींद खुली। अब पानी में मिट्टी डाली जा रही है। इसपर लोग सवाल उठा रहे हैं। इस...

भोज के वक्त कोहरा रोपने चला जल संसाधन विभाग। औराई में टूटे तटबंधों से जब पानी गांव में फैलने लगा तो जल संसाधन विभाग की नींद खुली। अब पानी में मिट्टी डाली जा रही है। इसपर लोग सवाल उठा रहे हैं। इस कार्य से लोगों में आक्रोश भी है।
हर लोगों की जुबान पर लखनदेई के टूटे तटबंध की अब शुरू हुई मरम्मती की चर्चा ही है। अपना सबकुछ गंवा चुके किसान गम व गुस्से में हैं। समाजसेवी अखिलेश यादव ने डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक को आवेदन देकर पूछा है कि जब बाढ़ आती है तभी क्यों मरम्मत का काम शुरू होता है। लखनदेई के टूटे तटबंध पर औराई में चार वर्षों से यही खेल हो रहा है जब जगह सूखी होती है तो मिट्टी की अधिकता रहती है। बाढ़ के समय संसाधनों की खोज क्यों होती है जब पानी चारों ओर भरा रहता है तभी क्यों काम आरंभ होता है।
किसानों का कहना है कि हजारों हेक्टेयर में फसलें डूब गई हैं तब तटबंध की मरम्मती शुरू हुई है। अबतक किसानों को करोड़ों की क्षति हो चुकी है। किसानों व जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि मरम्मत के नाम पर की रुपये का बंदरबांट हो रहा है। इसके खिलाफ बाढ़ के बाद आंदोलन होगा। दूसरी ओर मरम्मत करवा रहे अधिकारी इस संबंध में कुछ भी बोलने से इनकार कर रहे थे।
