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ब्रजेश की रिमांड के लिए कोर्ट में दोबारा अर्जी देगी पुलिस

बहुचर्चित बालिका गृहकांड में ताउम्र कैद की सजा काट रहे ब्रजेश ठाकुर की मुश्किलें थम नहीं रही हैं। अब स्वाधार गृहकांड में पुलिस न्यायिक रिमांड पर लेने के लिए दोबारा कोर्ट से आग्रह करेगी। रिमांड की...

ब्रजेश की रिमांड के लिए कोर्ट में दोबारा अर्जी देगी पुलिस
मुजफ्फरपुर | वरीय संवाददाताThu, 27 Feb 2020 10:49 AM
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बहुचर्चित बालिका गृहकांड में ताउम्र कैद की सजा काट रहे ब्रजेश ठाकुर की मुश्किलें थम नहीं रही हैं। अब स्वाधार गृहकांड में पुलिस न्यायिक रिमांड पर लेने के लिए दोबारा कोर्ट से आग्रह करेगी। रिमांड की मंजूरी मिलने के बाद कोर्ट में ट्रायल शुरू हो सकेगा। इससे पहले पुलिस को ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ स्वाधार कांड में चार्जशीट भी दाखिल करनी होगी। बुधवार को आईओ सह महिला थाने की थानेदार आभा रानी ने बताया कि ब्रजेश ठाकुर की न्यायिक रिमांड के लिए कोर्ट को फिर से आग्रह किया जाएगा। बीते माह जनवरी में स्वाधार गृह कांड में आईओ ने कोर्ट में ब्रजेश ठाकुर को न्यायिक रिमांड पर लेने के लिए अर्जी दी थी, लेकिन अबतक लंबित है। इसे लेकर आईओ फिर से कोर्ट के समक्ष गुहार लगाएंगी। स्वाधार कांड में ब्रजेश के अलावा मधु की सहेली अफसाना खातून की कुर्की की प्रक्रिया भी लंबित है।  मधु ली गई थी पुलिस रिमांड पर : स्वाधार गृह कांड में साइस्ता परवीन उर्फ मधु को महिला थाने की पुलिस ने रिमांड पर लिया था।  पूछताछ में   ब्रजेश ठाकुर के मामा रामानुज ठाकुर, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर व अफसाना का नाम सामने आया था। पुलिस ने सबका सत्यापन कर इन्हें भी अप्राथमिक अभियुक्त बनाया था। 
बालिका गृह कांड में काट रहे सजा
ब्रजेश ठाकुर, मधु, रामाशंकर सिंह उर्फ मास्टर व रामानुज ठाकुर दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। ब्रजेश ताउम्र की कैद काट रहा है। वहीं, अन्य तीन आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। इनको दिल्ली स्थित साकेत कोर्ट ने बालिका गृह कांड में सजा दी है। स्वाधार गृह कांड में ब्रजेश के खिलाफ चार्जशीट दाखिल होनी है, जबकि मधु, रामाशंकर व रामानुज के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। 

गायब हो गई थीं 11 महिलाएं व चार बच्चे
बालिका गृह कांड उजागर होने के बाद 09 जुलाई 2018 को जिला निरीक्षण कमेटी ने साहू रोड स्थित भारत माता लेन में स्वाधार गृह का औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान स्वाधार गृह में ताला बंद था, जबकि 20 मार्च 2018 को स्वाधार गृह में 11 महिलाएं और चार बच्चे थे। इसे लेकर 29 जुलाई को जिला बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने महिला थाने में आवेदन दिया। इसके बाद तत्कालीन थानेदार ज्योति कुमारी ने 30 जुलाई को सेवा संकल्प व विकास समिति पर एफआईआर दर्जकर जांच शुरू की थी। 

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