छोटन शुक्ला समेत पांच की हत्या में पुलिस जांच बंद
पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला के भाई कौशलेंद्र शुक्ला उर्फ छोटन शुक्ला समेत पांच लोगों की हत्या की जांच पुलिस ने बंद कर दी है। घटना के 26 साल बाद पुलिस की ओर से कोर्ट में फाइनल...

पूर्व विधायक विजय कुमार शुक्ला उर्फ मुन्ना शुक्ला के भाई कौशलेंद्र शुक्ला उर्फ छोटन शुक्ला समेत पांच लोगों की हत्या की जांच पुलिस ने बंद कर दी है। घटना के 26 साल बाद पुलिस की ओर से कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट दाखिल की गई है। इसमें पुलिस ने माना कि अपराधियों ने छोटन शुक्ला समेत पांच की गोली मारकर हत्या कर दी थी। जांच में साक्ष्य नहीं मिल सके। भविष्य में साक्ष्य मिलने पर घटना की फिर से जांच करायी जा सकती है।
फाइनल रिपोर्ट में पुलिस ने जांच व केस डायरी को बंद कर दी है। घटना के 26 साल बाद भी अपराधियों की पहचान व कार्रवाई नहीं होने पर पूर्व विधायक के अधिवक्ता सुशील कुमार सिंह ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाये हैं। बताया गया कि चार दिसंबर 1994 को चांदनी चौक के समीप कार में सवार छोटन शुक्ला व उनके चार समर्थकों की हत्या कर दी गई थी। तब वे केसरिया से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे। मृतकों में छोटन शुक्ला के अलावा वैशाली के लालगंज के जलालपुर निवासी रेवती रमण शुक्ला उर्फ चिकरू शुक्ला, समस्तीपुर के कल्याणपुर निवासी नारायण झा, पूर्वी चंपारण के केसरिया निवासी ओमप्रकाश सिंह थे। जबकि एक मृतक की पहचान नहीं हो सकी थी। शवों की पहचान पूर्व विधायक ने की थी। इसके बाद ब्रह्मपुरा थाना के तत्कालीन दारोगा रविंद्र कुमार सिंह के बयान पर अज्ञात अपराधियों पर हत्या व आम्स एक्ट में एफआईआर दर्ज करायी गई थी।
मामले को सत्य व सूत्रहीन बताते हुए जांच अधिकारी कैलाश यादव ने कोर्ट में फाइनल रिपोर्ट दाखिल की। जांच अधिकारी ने वरीय अधिकारी के आदेश, सुपरविजन व रिपोर्ट दो के आलोक में केस को फाइलन करने की बात कही है।
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