एसकेएमसीएच में प्लाज्मा थेरेपी से होगा इलाज
एसकेएमसीएच में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए एसकेएमसीएच में प्लाज्मा बैंक स्थापित किया जाएगा। प्रभारी सचिव के आदेश के बाद एसकेएमसीएच अधीक्षक ने इस...
एसकेएमसीएच में प्लाज्मा थेरेपी से कोरोना मरीजों का इलाज करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसके लिए एसकेएमसीएच में प्लाज्मा बैंक स्थापित किया जाएगा। प्रभारी सचिव के आदेश के बाद एसकेएमसीएच अधीक्षक ने इस बारे में केंद्र, राज्य सरकार व आईसीएमआर को पत्र लिख अनुरोध किया है। उत्तर बिहार में कोरोना संक्रमण की भयावहता को देखते हुए इसपर तुरंत निर्णय लिए जाने की संभावना है।
एसकेएमसीएच में स्थापित होनेवाले प्लाज्मा बैंक में ठीक हो चुके कोरोना मरीजों का प्लाज्मा लेकर स्टोर किया जाएगा। इसके लिए ठीक हुए सभी मरीजों का डेटा सुरक्षित रखा गया है। इस डेटा में मरीजों के नाम, पते, मोबाइल नंबर व उनका ब्लड ग्रुप शामिल है।
प्रभारी सचिव की पहल, जटिल है प्रक्रिया
एसकेएमसीएच अधीक्षक ने बताया कि प्लाज्मा बैंक की स्थापना एक जटिल प्रक्रिया है। इसके लिए प्लाज्मा सेपरेटर मशीन की आवश्यकता होती है। इसके संचालन के लिए विशेषज्ञ कर्मचारी की जरूरत है। प्लाज्मा बैंक के लिए केंद्र सरकार व आईसीएमआर की अनुमति आवश्यक है। दोनों पहले यहां की सुविधा का निरीक्षण करेंगे, फिर अनुमति देने की प्रक्रिया शुरू होगी। हालांकि इस मामले में जिले के प्रभारी सचिव स्वयं रुचि ले रहे हैं। अनुमति मिल जाती है तो यह उत्तर बिहार के कोरोना संक्रमित मरीजो के लिए वरदान होगा।
दिल्ली में प्लाज्मा थेरेपी से इलाज
कोरोना मरीजों का प्लाज्मा थेरेपी से सबसे पहले दिल्ली में इलाज शुरू हुआ था। अप्रैल में सरकारी एलएनजेपी हॉस्पिटल में चार मरीजों पर ट्रायल लिया गया था, जो सफल रहा। इसके बाद आईसीएमआर ने इसे स्वीकृति दी। वहां प्लाज्मा बैंक स्थापित करने के बाद राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में भी एक प्लाज्मा बैंक बनाया गया। फिर यह सुविधा आईएलबीएस में शुरू हुई। निजी अस्पतालों में एक यूनिट प्लाज्मा की कीमत 15 से 20 हजार रुपये आती है और एक गंभीर मरीज को कम से कम दो यूनिट प्लाज्मा की जरूरत पड़ती है।
प्लाज्मा बैंक बनाने के लिए पहल शुरू की गई है। केंद्र सरकार व आईसीएमआर से अनुरोध किया गया है। प्रभारी सचिव इसकी मॉनिटिरिंग कर रहे हैं। प्रक्रिया जटिल है, लेकिन उम्मीद है कि अनुमति मिल जाएगी।
-डॉ. सुनील शाही, अधीक्षक, एसकेएमसीएच
