पीएचईडी का पानी टैंक व नल पूरी तरह से ठप
एसकेएमसीएच की दूसरी मंजिल के बरामदे पर भर्ती सीतामढ़ी जिला के मधौली सैदपुर निवासी संजय कुमार अब तक चार सौ रुपये का पीने के लिए पानी बोतल खरीद चुके हैं। इलाज में मात्र 38 रुपये खर्च हुए है। संजय कुमार...
एसकेएमसीएच की दूसरी मंजिल के बरामदे पर भर्ती सीतामढ़ी जिला के मधौली सैदपुर निवासी संजय कुमार अब तक चार सौ रुपये का पीने के लिए पानी बोतल खरीद चुके हैं। इलाज में मात्र 38 रुपये खर्च हुए है। संजय कुमार की तरह एसकेएमसीएच के वार्डों में भर्ती सैकड़ों मरीजों का यही दर्द है। चार जिलों का यह प्रमुख अस्पताल के 14 वार्डो में पीने के लिए पानी की व्यवस्था नहीं है।
लाखों रुपये खर्च कर अस्पताल में लगाई गई दो दर्जन से अधिक वाटर प्यूरीफायर व कूलिंग मशीन खराब होकर बंद पड़ी है। पीने के पानी के लिए मरीजों को भटकना पर रहा है। तीन व दो मंजिले वार्ड से नीचे उतरकर बर्न वार्ड के सामने चापाकल से पानी ला रहे हैं। इस चापाकल पर चार सौ से अधिक मरीज निर्भर हैं। इमरजेंसी वार्ड के मरीजों का भी यही हाल है। इमरजेंसी वार्ड से सटे पीएचईडी का पानी टैंक व नल प्वाइंट पूरी तरह से खराब है। स्टाफ भी इस समस्या से परेशान है। सदर अस्पताल में चार सबमर्सिबल पंप गाड़ने से थोड़ी राहत है। महिला वार्ड के ऑपरेशन थियेटर में पानी नहीं चढ़ रहा है। ओपीडी भवन में आरओ व वाटर कूलर मशीनें काम कर रही है। बगल में शौचालय की गंदगी से सटे होने से मरीज पानी नहीं पी पाते है। ब्रह्मपुरा की मोमीना खातून ने बताया कि शौचालय के बगल में आरओ लगा है। शौचालय के दुर्गंध से पानी पीने का मन नहीं करता है। चार चापाकल सब सूखे पड़े है। इस बारे में डीएस डॉ.एनके चौधरी ने बताया कि पीने के पानी की समस्या नहीं है। महिला वार्ड में जो समस्या है वह दूर हो रही है।
क्या कहते है अधीक्षक
एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने बताया कि कुछ वार्डों में पेयजल की समस्या है। कुछ में ठीक है। इसको लेकर कई बार पीएचईडी व भवन निर्माण विभाग को लिखा गया है। समाधान नहीं होने पर विभाग को भी पत्र लिखा गया है। बीएमआईसीएल को ढ़ाई करोड़ रुपये वार्डो में पेयजल की व्यवस्था को दुरूस्त करने के लिए दिया गया है।