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पांच विषयों में शुरू हो सकती पीजी की पढ़ाई

एसकेएमसीएच में नए एकेडमिक सत्र से अलग-अलग विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू हो सकती है। इन विषयों को मिलाकर कुल आठ सीटें हैं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन के प्रस्ताव को आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना ने...

पांच विषयों में शुरू हो सकती पीजी की पढ़ाई
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरTue, 02 Apr 2019 02:48 PM
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एसकेएमसीएच में नए एकेडमिक सत्र से अलग-अलग विषयों में पीजी की पढ़ाई शुरू हो सकती है। इन विषयों को मिलाकर कुल आठ सीटें हैं। मेडिकल कॉलेज प्रशासन के प्रस्ताव को आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना ने संबद्धता प्रदान कर दी है। अगर एमसीआई से मान्यता मिली तो अब एसकेएमसीएच में पीजी की कुल 18 सीटें हो जाएंगी।

कॉलेज प्रशासन के फैसले के अनुसार, एसकेएमसीएच में माइक्रोबायोलॉजी में दो, स्कीन एवं रेडियोलॉजी विभाग में एक-एक, ओब्स्ट्रेक्ट एंड गायनेकोलॉजी, सर्जरी में दो-दो पीजी कोर्स की सीटों के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इसके लिए बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने भी केन्द्र सरकार को नीति आयोग के फॉर्मेट के आधार पर प्रस्ताव भेजा है। पूर्व से यहां छह विभागों में पीजी में पढ़ाई हो रही है। मेडिकल कॉलेज में 2013 से ही मेडिसिन में दो, पैथोलॉजी में दो, फिजियोलॉजी में दो, पीएसएम में एक, एनाटॉमी में एक व फार्माकोलॉजी में दो सीटें हैं। इसमें फिजियोलॉजी व मेडिसिन की डिग्री को ही एमसीआई ने मान्यता दी है। शेष की डिग्री को मान्यता नहीं मिली है। इस कारण नामांकन करवा चुके डॉक्टरों को एमडी की डिग्री नहीं मिली है। इस कारण केवल बिहार में ही इसकी मान्यता है। एमडी के बाद डीएम (डॉक्टरेट ऑफ मेडिसिन) में दूसरे राज्यों के मेडिकल कॉलेजों में इन छात्रों का नामांकन नहीं हो रहा है। यह तभी होगा जब एसकेएमसीएच के पीजी की डिग्री को एमसीआई मान्यता देगी। कई कमियों व स्थानीय स्तर पर बिहार में बेहतर चिकित्सा सुविधा नहीं होने से एमसीआई ने पढ़ाए जा रहे पीजी विषयों की डिग्री को मान्यता देने से फिलहाल इंकार कर दिया है।

प्राचार्य डॉ. विकास कुमार ने बताया कि एमसीआई को नए पांच विभागों में पीजी कोर्स में आठ सीटों पर पढ़ाई के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। कमियां को सरकार दूर कर रही है। एमसीआई की जांच के बाद उपर्युक्त विषयों में पीजी में नामांकन की अनुमति मिल जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि छह विभागों की दस सीटों पर पीजी की पढ़ाई शुरू है। इसमें मेडिसिन फिजियोलॉजी की डिग्री को मान्यता मिल गयी है।

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