ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार मुजफ्फरपुरजूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन, एक घंटा बाधित रखा काम

जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन, एक घंटा बाधित रखा काम

एसकेएमसीएच में एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्रों ने स्टाइपेंड (छात्रवृत्ति) बढ़ाने के लिए शनिवार को प्राचार्य ऑफिस के समक्ष प्रदर्शन किया। करीब एक घंटा...

जूनियर डॉक्टरों का प्रदर्शन, एक घंटा बाधित रखा काम
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरSat, 22 May 2021 07:21 PM
ऐप पर पढ़ें

मुजफ्फरपुर। वरीय संवाददाता

एसकेएमसीएच में एमबीबीएस फाइनल ईयर के छात्रों ने स्टाइपेंड (छात्रवृत्ति) बढ़ाने के लिए शनिवार को प्राचार्य ऑफिस के समक्ष प्रदर्शन किया। करीब एक घंटा कार्य बाधित रखा। कुछ की ड्यूटी वार्ड में थी, लेकिन काफी देर से गए। 2016 बैच के छात्रों ने सरकार के खिलाफ दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आईजीएमएस, पटना में इंटर्नस का स्टाइपेंड बढ़ाकर 28 हजार कर दिया गया है, जबकि उनलोगों को स्टाइपेंड सिर्फ 15 हजार रुपये मिलते हैं।

जूनियर डॉक्टर्स ने मांग की है कि सरकार सभी मेडिकल कॉलेज के छात्रों को एक समान स्टाइपेंड दे। नहीं तो वह काम बाधित करेंगे। जूनियर डॉक्टर ने कहा कि वह काफी दिनों से स्टाइपेंड की मांग कर रहे हैं, लेकिन सरकार उन्हें सिर्फ आश्वासन दे रही है। आरोप लगाया कि कोरोना काल में उन्हें मरीजों का इलाज करने के लिए भेजा जाता है और वे अपने काम को ईमानदारी से निभाते हैं। बावजूद सरकार उनके साथ भेदभाव कर रही है। सुबह साढ़े नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक छात्रों ने विरोध जताते हुए प्रदर्शन किया। छात्रों के प्रदर्शन से मेडिकल कॉलेज में अफरातफरी रही।

सभी राज्यों में स्टाइपेंड बढ़ाया गया

छात्रों ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के इंटर्नस छात्रों का सभी राज्यों ने स्टाइपेंड बढ़ा दिया है। असम और कर्नाटक में 30 हजार रुपये स्टाइपेंड कर दिया गया है। महाराष्ट्र में स्टाइपेंड 50 हजार रुपये है। छात्रों ने मांग की है कि सरकार उन्हें 30 हजार रुपये स्टाइपेंड दे।

आठ वर्षों से स्टाइपेंड में नहीं हुई वृद्धि

मेडिकल कॉलेज में प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि राज्य सरकार ने उनका स्टाइपेंड आठ वर्षों से नहीं बढ़ाया है। 2013 में स्टाइपेंड की राशि बढ़ी थी। इसके बाद नहीं बढ़ा है, जबकि हर तीन वर्षों में स्टाइपेंड बढ़ने का नियम है।

परीक्षा नहीं होने के कारण कोई छात्र नहीं है इंटर्नस

एसकेएमसीएच के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार ने कहा कि प्रदर्शन करने वाले सभी छात्र एमबीबीएस के अंतिम वर्ष के हैं। कोरोना के कारण परीक्षा नहीं हुई है। इस कारण एसकेएमसीएच में एक भी इंटर्नस नहीं है। छात्रों के मांग पत्र को सरकार के पास भेज दिया गया है। यह नीतिगत फैसला है, जिसपर निर्णय सरकार के स्तर से होना है। छात्रों ने मेडिकल कॉलेज में काम बाधित नहीं किया।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें