आठ विवि के रजिस्ट्रार व एफओ का वेतन बंद
राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने आठ विश्वविद्यालयों के कुलचसिचवों, वित्त पदाधिकारियों (एफए) का वेतन बंद करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही वित्त पदाधिकारी तथा बजट शाखा के सभी कर्मियों का भी वेतन भुगतान...
राज्य सरकार के शिक्षा विभाग ने आठ विश्वविद्यालयों के कुलचसिचवों, वित्त पदाधिकारियों (एफए) का वेतन बंद करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही वित्त पदाधिकारी तथा बजट शाखा के सभी कर्मियों का भी वेतन भुगतान आदेश पालन होने तक बंद रहेगा। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव आरके महाजन ने विभागीय आदेश की अवहेलना करने तथा विश्वविद्यालय स्तर पर अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने के आरोप में इन सभी का वेतन बंद रखने का आदेश कुलपतियों को दिया है।
जिन विश्वविद्यालयों में वेतनबंदी का आदेश दिया गया है उनमें वीकेवीएस आरा, जेपी विश्वविद्यालय छपरा, एलएमएनयू दरभंगा, मुंगेर विश्वविद्यालय, पूर्णिया विश्वविद्यालय, बीआरए बिहार विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर, मगध विवि बोधगया और मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विविपटना शामिल हैं।इन आठ में से पांच विश्वविद्यालयों वीकेवीएस आरा, जेपी विवि छपरा, एलएमएनयू दरभंगा, मुंगेर विवि, पूर्णिया विवि के कुलसचिव (रजिस्ट्रार) व एफए समेत कर्मियों का वेतन बंद रखने का निर्देश दिया गया है। चार बार पत्र भेजे जाने के बाद भी नहीं दिया प्रस्ताव: यह निर्देश इसलिए दिया गया है क्योंकि इन विश्वविद्यालयों ने पुनरीक्षित वेतन, पेंशन, पारिवारिक पेंशन के भुगतान के लिए बजट प्रस्ताव उच्चशिक्षा निदेशालय के पास नहीं भेजा है। जबकि इन्हें निदेशालय की ओर से सातवें पुनरीक्षित वेतनमान लागू करने को लेकर बजट प्रस्ताव की मांग को लेकर अबतक चार बार पत्र भेजे जा चुके हैं।
बीआरएबीयू समेत तीन विवि ने नियुक्ति के लिए अधियाचना नहीं भेजी
बीआरए बिहार विवि मुजफ्फरपुर, मगध विवि बोधगया और मौलाना मजहरुल हक अरबी-फारसी विवि पटना में वेतन रोकने का फैसला शिक्षा विभाग ने इसलिए किया है, क्योंकि इन विवि ने सहायक प्राध्यापकों के पदों पर नियुक्ति के लिए अधियाचना तय फॉर्मेट में नहीं भेजी है। श्री महाजन ने संबंधित वीसी को कहा है कि तत्काल प्रभाव से कुलसचिवों, वित्त पदाधिकारियों व संबंधित शाखा के कर्मियों का वेतन रोक दिया जाये। वेतन तबतक अवरुद्ध रहे जबतक आपके विवि से संबंधित रिपोर्ट उच्चशिक्षा निदेशालय को नहीं मिल जाए।