नहीं खुला आइसोलेशन वार्ड, मरीजों के परिजनों का हंगामा
मुजफ्फरपुर में एक मरीज रजनीश कुमार को डायरिया की शिकायत पर एसकेएमसीएच लाया गया। मरीज को आइसोलेशन वार्ड में भेजने में एक घंटा लग गया क्योंकि वार्ड की चाबी नहीं मिल रही थी। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर...

मुजफ्फरपुर, हिंदुस्तान प्रतिनिधि। डायरिया से पीड़ित एक मरीज को सोमवार की रात करीब नौ बजे गायघाट से एसकेएमसीएच में लाया गया। उसे आइसोलेशन वार्ड में भेजा गया था। लेकिन एक घंटा तक मरीज को ट्रॉली पर लिए परिजन इंतजार करते रहे, पर वार्ड नहीं खोला गया। कारण था कि वार्ड की चाभी ही नहीं मिल रही थी। उसके बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर बेपरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। आइसोलेशन वार्ड नहीं खुलने के बाद अंत में मरीज को इमरजेंसी वार्ड में ही रखना पड़ा। गायघाट के मरीज रजनीश कुमार के परिजनों ने बताया कि रजनीश को डायरिया की शिकायत होने पर मेडिकल के इमरजेंसी में लाया गया।
वहां डॉक्टर ने प्रथम उपचार के बाद उसे आइसोलेशन वार्ड में भेज दिया। इमरजेंसी से आइसोलेशन वार्ड की दूरी करीब आधा किलोमीटर है। परिजन ट्रॉली से मरीज को वहां ले गए, लेकिन वार्ड बंद मिला। मरीज के साथ गई नर्स ने वार्ड की चाबी खोजनी शुरू की, लेकिन चाबी मिली नहीं। लेकिन अस्पताल प्रशासन चाबी नहीं मिलने की बात से इनकार कर रहा है। अस्पताल प्रबंधक ने मरीज पर ही ठीकरा फोड़ा अस्पताल प्रबंधक संजय कुमार साह ने कहा कि फिलहाल एक भी डायरिया का मरीज वार्ड में भर्ती नहीं है। चाबी इंचार्ज के पास थी। वार्ड में एक भी मरीज नहीं रहने के कारण परिजन अकेला वहां नहीं रहना चाहते थे। फिर वापस मरीज को इमरजेंसी में रखा गया है।

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