अतिवृष्टि से धान की बाली में अंकुरण, किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी
प्रखंड क्षेत्र के किसान प्रकृति की दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं। लगतार बारिश व बाढ़ ने प्रखंड के किसानों की कमर तोड़ दी है। धान समेत अन्य फसलें बाढ़ व बारिश की भेंट चढ़ गई। अब उपरवार जमीन पर जो थोड़ी बहुत...
प्रखंड क्षेत्र के किसान प्रकृति की दोहरी मार झेलने को मजबूर हैं। लगतार बारिश व बाढ़ ने प्रखंड के किसानों की कमर तोड़ दी है। धान समेत अन्य फसलें बाढ़ व बारिश की भेंट चढ़ गई। अब उपरवार जमीन पर जो थोड़ी बहुत धान की फसल बची थी वह भी पिछले दिनों हुई अतिवृष्टि की भेंट चढ़ गई है।
किसानों के समक्ष पशुओं के चारा के साथ साथ अपना और अपने परिवार का गुजारा करना भी मुश्किल लग रहा है। नरगी जीवनाथ के किसान नागमणि सूरज, प्रभात तिवारी, रेपुरा के डॉ. विक्रम कुमार सिंह, बहिलवारा खोरमपुर के मो. मुस्लिम, पप्पू भगत, भटौलिया के विकास चौधरी, बहिलवारा पांडेय टोला राजकिशोर पांडेय आदि ने बताया कि वैसे तो पहले ही धान की 80 फीसदी फसल बाढ़ में नष्ट हो गई थी। गत दिनों आयी तेज हवा व पानी के कारण जो फसल बची थी वह भी गिर गई। इसके कारण बाली में अंकुरण आ गया है। कई किसानों ने बताया कि किसानों को सरकारी स्तर पर जो सुविधा मिलनी चाहिए थी वह नदारद है।