ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार मुजफ्फरपुरएक सप्ताह में छह मीटर उफनायी बूढ़ी गंडक, शहर पर संकट

एक सप्ताह में छह मीटर उफनायी बूढ़ी गंडक, शहर पर संकट

बूढ़ी गंडक पिछले एक सप्ताह में रिकार्ड छह मीटर ऊपर उछली है। नदी के ऊफनाने से शहर पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। अब तक शहर के आसपास के करीब एक दर्जन मोहल्ले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सिकंदरपुर में...

एक सप्ताह में छह मीटर उफनायी बूढ़ी गंडक, शहर पर संकट
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरMon, 20 Jul 2020 09:53 PM
ऐप पर पढ़ें

बूढ़ी गंडक पिछले एक सप्ताह में रिकार्ड छह मीटर ऊपर उछली है। नदी के ऊफनाने से शहर पर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। अब तक शहर के आसपास के करीब एक दर्जन मोहल्ले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। सिकंदरपुर में स्लुइस गेट बंद किए जाने के बाद शहर के आसपास के नये मोहल्लों में भी बाढ़ का पानी प्रवेश करने लगा है। सोमवार को सिकंदरपुर में बूढ़ी गंडक का जलस्तर 52.18 मीटर मापा गया। जबकि खतरे का निशान 52.53 मीटर है। बूढ़ी गंडक में आयी ऊफान से शहर के बाहरी इलाके तेजी से बाढ़ की चपेट में आने लगे हैं। बूढ़ी गंडक के पानी ने लकड़ीढाई, मुक्तिधाम, बालूघाट, कर्पूरी नगर, झील नगर, सिकंदरपुर, हनुमंत नगर, चंदरबरदाई नगर, अब्दुल नगर उर्फ माधोपुर, जाकरिया कॉलोनी व मिठनसराय को भी अपनी चपेट में ले लिया है। मिठनसराय में तेजी से पानी बढ़ने के बाद लोगों ने फोरलेन पर ठिकाना बनाना शुरू कर दिया है, जबकि जीरोमाइल के आसपास के सभी नीचले इलाके पानी से भरने लगे हैं। सिकंदरपुर में स्लुइस गेट बंद किये जाने के बाद प्रभात जर्दा फैक्ट्री व उसके आसपास के मोहल्लों पर भी खतरा बढ़ गया है। हालांकि, स्लुइस गेट के बाहर से पानी नदी में फेंकने के लिए पंप लगाया गया है, लेकिन तेजी से पानी आने के कारण सारी कोशिश नाकाफी साबित हो रही हैं। जिन मोहल्लों में पानी भरा है, वहां के लोगों ने बाहर शरण लेना शुरू कर दिया है। हाल यह है कि आसपास के ऊंचे स्थानों पर लोगों को किराये पर मकान तक नहीं मिल रहा है और डूबते घरों में आने जाने के लिए नाव तक की व्यवस्था नहीं हुई है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें