मीनापुर प्रखंड मुख्यालय पर शुक्रवार को तीसरे दिन भी जनप्रतिनिधियों का अनशन जारी रहा। पिछले ढाई वर्षों से पंचायत समिति की बैठक नहीं बुलाने से आहत होकर बैठक बुलाने की मांग कर रहे अनशनकारियों की हालत बिगड़ती जा रही है।
अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. एके पांडेय ने स्वास्थ्य जांच करने के बाद बताया कि अनशनकारियों का वजन तेजी से कम होने लगा है। नतीजा, आज दो अनशनकारी पंसस निर्मला यादव और मंजू देवी को स्लाइन चढ़ाना पड़ा है। इससे पहले गुरुवार को भी तीन अनशनकारियों को स्लाइन चढ़ाना पड़ा था।
अधिकारी के द्वारा पिछले तीन दिनों से सुध नहीं लेने से अनशन पर बैठे लोगों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश पनपने लगा है। अनशन पर बैठे पंसस शिवचन्द्र प्रसाद ने बताया कि मांगे पूरी होने तक अनशन जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि ढाई वर्षों से पंचायत समिति की बैठक नहीं होने से करीब 10 हजार लोगों का पेंशन भुगतान रुका हुआ है। कई गांवों में बिजली का पोल और तार लगाने के बावजूद उपभोक्ताओं को कनेक्शन नहीं मिल रहा है। कर्ज लेकर लोगों ने शौचालय बनाया और उनका प्रोत्साहन रुका हुआ है।
अनशनकारियों ने एक स्वर से पुलिस और जांच एजेंसी पर शिक्षक नियोजन फर्जीवाड़े को दवाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इससे गलत करने वालों का मनोबल काफी बढ़ गया है और सही काम करने को कोई तैयार नहीं है। पंचायत समिति की बैठक नहीं बुलाने का यह भी एक बड़ा कारण है। क्योंकि, बैठक के दौरान सच उजागर होने से रैकेट चलाने वाले परेशान हो जाते हैं।
ये लोग बैठे हैं अनशन पर :
पंसस मंजू देवी के नेतृत्व में अनिश्चित कालीन अनशन पर कुल नौ लोग बैठे हैं। इसमें पंसस शिवचन्द्र प्रसाद, धर्मेन्द्र यादव, चिंता देवी, निर्मला यादव, मुखिया नीलम कुमारी, अनामिका कुमारी, अजय कुमार और वार्ड सदस्य ज्ञानी देवी अनशन पर हैं। जबकि, पंसस शंभू ठाकुर ने बीच में ही अपना अनशन तोड़ कर आंदोलन से खुद को अलग कर लिया है।