पूर्वांचल एक्सप्रेस हादसे में गोरखपुर डिपो व वर्कशॉप के अधिकारी दोषी
सिलौत स्टेशन के पास हुए पूर्वांचल हादसे में गोररखपुर डिपो व वर्कशॉप के अधिकारियों को दोषी पाया गया है। जांच के लिए बनी कमेटी ने जांच पूरी कर रेल मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी है। इसकी जानकारी सोनपुर...
सिलौत स्टेशन के पास हुए पूर्वांचल हादसे में गोररखपुर डिपो व वर्कशॉप के अधिकारियों को दोषी पाया गया है। जांच के लिए बनी कमेटी ने जांच पूरी कर रेल मुख्यालय को रिपोर्ट भेज दी है। इसकी जानकारी सोनपुर मंडल के डीआरएम अनिल कुमार गुप्ता ने दी है।
डीआरएम ने बताया कि हाल में जांच रिपोर्ट में सौंपी गई है। इसमें बताया गया है कि ट्रेन गोरखपुर से कोलकाता के लिए रवाना हुई थी। ट्रेन का प्रारंभिक मेंटेनेंस गोरखपुर में किया गया था। एनओसी मिलने के बाद ही ट्रेन वहां से रवाना हुई थी। लॉकडाउन के बाद पहली बार यह ट्रेन गोरखपुर से रवाना हुई थी। इससे पहले काफी दिनो सें ट्रेन यार्ड में खड़ी रही। इसलिए इसका मेंटेनेंस अच्छी तरीके से होना चाहिए था, लेकिन इसमें कहीं चूक हुई।
डीआरएम ने बताया कि जांच में पाया गया है कि मुजफ्फरपुर जंक्शन से ट्रेन सही-सलामत रवाना हुई थी। बिना रुके सिलौत स्टेशन से ट्रेन गुजर रही थी। सिलौत स्टेशन मास्टर को ट्रेन से पटरी पर कुछ लटकता दिखाई दिया। इसकी सूचना गार्ड और कंट्रोल रूम को दे ही रहा था कि ट्रेन के दो कोच ए-2 और एस-5 पटरी से उतर गए। डीआरएम के अनुसार, इस मामले में गोरखपुर के संबंधित विभाग पर कार्रवाई मुख्यालय के स्तर से किया जाएगा।
73 रेल कर्मियों के दर्ज किए गए बयान
पूर्वांचल एक्सप्रेस के बेपटरी होने पर जांच के लिए हाजीपुर मुख्यालय स्तर से टीम गठित की गई। टीम ने सोनपुर और गोरखपुर रेल मंडल के 73 रेल अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ कर उनके बयान रिकॉर्ड किए थे।
20 अक्टूबर को बेपटरी हुई थी ट्रेन
20 अक्टूबर को पूर्वांचल एक्सप्रेस गोरखपुर से कोलकाता के लिए रवाना हुई थी। मुजफ्फरपुर से 13 किमी की दूरी पर सिलौत स्टेशन के पास ट्रेन के दो कोच पटरी से उतर गए थे। दोनों कोच में यात्री सफर कर रहे थे। ट्रेन की गतित धीमी होने के कारण यात्री हताहत नहीं हुए।
वाटर टैंक टूटने से हुआ हादसा
डीआरएम ने बताया कि जांच में सामने आया है कि एसी कोच का वाटर टैंक टूटकर पटरी पर गिर गया। टैंक कोच के पहिया से टकरा गया था। इस कारण ट्रेन पटरी से उतर गई।