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मात्र पुरुषार्थ से नहीं मिलती अमृत रूपी सुख-शांति

आनंद उमंग भयो, जय हो नंदलाल की..., नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की... इन भजनों पर लोग देर तक झूमते रहे। मौका था मझौलिया रोड में चैतन्य भागवत समाज की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा...

मात्र पुरुषार्थ से नहीं मिलती अमृत रूपी सुख-शांति
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरSun, 14 Oct 2018 08:28 PM
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आनंद उमंग भयो, जय हो नंदलाल की..., नंद के घर आनंद भयो, जय कन्हैयालाल की... इन भजनों पर लोग देर तक झूमते रहे। मौका था मझौलिया रोड में चैतन्य भागवत समाज की ओर से आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का। चौथे दिन रविवार को भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया गया। कृष्ण का जन्म होते ही बधाई भजन गूंजने लगे। इस दौरान में भगवान राम का जन्मोत्सव भी मनाया गया।

व्यासपीठ पर बैठे राधावल्लभ दास देवाचार्य जी महाराज ने कहा कि मात्र पुरुषार्थ से अमृत रूपी सुख-शांति नहीं मिलती। इसके लिए भगवान की शरणागति से साथ पुरुषार्थ भी करना होगा। कथावाचक ने नरसिंह अवतार, युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ, शिशुपाल वध, दक्ष प्रजापति के पुत्र-पुत्रियों की कथा, चौदह मन्वन्तरों की कथा, समुद्र मंथन, भगवान शिव का विष पान, राहु केतु वध और देवासुर संग्राम प्रसंग का वर्णन किया। महाराज ने भगवान के वामन अवतार सहित महादानी दैत्येन्द्र महाराज बलि की भी कथा कही।

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