एफआईआर में सरकारी मुहर व सील का जिक्र नहीं
मिठनपुरा थाना क्षेत्र के रामबाग रोड से 16 नवंबर की रात छह सौ बोरा सरकारी चावल व गेहूं को जब्त किया गया था। एफआईआर व जब्ती सूची में मुशहरी के एमओ राघवेंद्र कुमार ने बोरे पर सरकारी मुहर व सील का जिक्र...
मिठनपुरा थाना क्षेत्र के रामबाग रोड से 16 नवंबर की रात छह सौ बोरा सरकारी चावल व गेहूं को जब्त किया गया था। एफआईआर व जब्ती सूची में मुशहरी के एमओ राघवेंद्र कुमार ने बोरे पर सरकारी मुहर व सील का जिक्र नहीं किया था। वहीं, छापेमारी के वीडियो फुटेज व फोटो से सरकारी मुहर व सील स्पष्ट रूप से दिखने का प्रमाण मिल रहा है। इस कारण पूरी कार्रवाई पर सवाल उठ रहा था।
मामले की गंभीरता को देखते हुए सिटी एसपी उपेंद्रनाथ वर्मा ने मिठनपुरा थानेदार को छापेमारी की वीडियो और फोटो के साथ रिपोर्ट तलब किया है। थानेदार की रिपोर्ट के आधार पर एसडीओ पूर्वी सुनील कुमार को पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा। एमओ की इस लापरवाही से अनाज कालाबाजारी के आरोपितों को लाभ मिल सकता है। सरकारी मुहर व सील ही आवश्यक वस्तु अधिनियम का आधार होता है।
वीडियो फुटेज से सामने आया मामला :
मिठनपुरा थाना में दर्ज एफआईआर में एमओ ने जब्त 600 बोरों का सील टूटा होने व बोरा पलटकर अनाज रखे होने का जिक्र किया है। वहीं, वीडियो से स्पष्ट हो रहा है कि गेहूं के करीब 200 बोरे का सील नहीं टूटा था। उसपर पंजाब सरकार का लाल रंग का मुहर स्पष्ट दिख रहा है। उधर, एमओ का कहना है कि एफआईआर व जब्ती सूची में जो तथ्य उनके द्वारा नहीं दिया गया है वह पुलिस जांच में सामने आ जाएगा। आनाज कालाबाजारी को किसी तरह का लाभ नहीं मिलेगा।