नई व्यवस्था से होगी टीका से बचाव वाली बीमारियों की रिपोर्टिंग
टीका से बचाव वाली बीमारियों की रिपोर्टिंग व मॉनिटरिंग अब नए फॉर्मेट में होगी। नए प्रावधान के अनुसार चिकन पॉक्स के मरीजों में अगर किसी तरह के मिजल्स के लक्षण दिखे तो उसकी रिपोर्टिंग पीएचसी से करनी है।...
टीका से बचाव वाली बीमारियों की रिपोर्टिंग व मॉनिटरिंग अब नए फॉर्मेट में होगी। नए प्रावधान के अनुसार चिकन पॉक्स के मरीजों में अगर किसी तरह के मिजल्स के लक्षण दिखे तो उसकी रिपोर्टिंग पीएचसी से करनी है। मरीज में बीमारी कन्फर्म होने का इंतजार नहीं करना है। जिला मुख्यालय को सूचना मिलते ही डॉक्टरों की टीम जाएगी। इस फैसले की जानकारी शनिवार को सदर अस्पताल स्थित जिला स्वास्थ्य समिति सभागार में पीएचसी प्रभारियों को दी गई।
डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने सभी पीएचसी को डिप्थीरिया, टेटनस, मिजल्स, परट्टयूट्स व पोलियो के संदिग्ध मरीजों की अविलंब सूचना देने को कहा गया। बताया गया कि इन सभी बीमारियों के बचाव के लिए टीकाकरण हो रहा है। इस दौरान अन्य बीमारियों की मॉनिटरिंग करने को भी कहा गया। मौके पर सीएस डॉ. ललिता सिंह ने कहा कि रिपोर्ट देने में लापरवाही बरती जा रही है। इस कारण सरकार की ओर से कार्रवाई करने की बात कही जा रही है। सीएस ने मां व बच्चों की मौत की समीक्षा व उसकी सही रिपोर्टिंग नहीं करने पर आपत्ति जताई। इस पर एसीएमओ डॉ. सुधा श्रीवास्तव ने कहा कि कई बार कहने पर भी पीएचसी पर कोई असर नहीं पड़ रहा है। इस पर पीएचसी प्रभारियों ने काम अधिक और मैन पावर कम होने का मद्दा उठाया।
मौके पर जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज कंट्रोल अधिकारी डॉ. सतीश कुमार ने कालाजार बीमारी उन्मूलन को लेकर मॉनिटरिंग नहीं होने की जानकारी। इस समस्या को डब्ल्यूएचओ के प्रतिनिधियों ने भी स्वीकार किया। मौके पर डब्ल्यूएचओ के डॉ. आनंद गौतम ने नए रिपोर्टिंग फॉर्मेट के बारे में प्रोजेक्टर के जरिए बताया।