उत्तर बिहार में नक्सलियों को फिर एकजुट कर रहे थे राजन और धीरज
बगहा के जंगल में नक्सली कमांडर रामबाबू राम और रामबाबू पासवान ने प्रमोद मिश्रा के साथ मिलकर उत्तर बिहार में नक्सलियों को एकजुट करने की साजिश रची थी। एनआईए ने चार्जशीट में बताया कि ये लोग पूर्व...
मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। बगहा के जंगल को मुख्यालय बनाकर नक्सली कमांडर रामबाबू राम उर्फ राजन और रामबाबू पासवान उर्फ धीरज फिर से उत्तर बिहार में नक्सलियों को एकजुट कर रहे थे। इसके लिए पोलित ब्यूरो सदस्य प्रमोद मिश्रा उर्फ सोहन दा उर्फ मदन दा उर्फ बीबी जी उर्फ बाबा से मिलकर बड़ी साजिश रची थी। लेवी वसूली से बड़ा फंड प्रमोद मिश्रा को भेजा, ताकि उत्तर बिहार जोनल कमेटी में संगठन के लिए स्वचालित हथियार का प्रबंध हो सके। उत्तर बिहार में करीब मृतप्राय हो चुके नक्सली संगठन को एकजुट कर विध्वंसक कार्रवाई की जानी थी, ताकि प्रशासन और आमजन को संगठन की शक्ति बता सकें।
यह खुलासा एनआईए ने बीते साल हुए बगहा से एके-47 जब्ती कांड में चार्जशीट दाखिल करते हुए किया है। एनआईए ने मामले में बीते 15 जनवरी को प्रमोद मिश्रा पर पूरक चार्जशीट दायर की है। इससे पहले राजन और धीरज के खिलाफ एनआईए चार्जशीट दाखिल कर चुकी है।
रामबाबू राम उर्फ राजन मूल रूप से पूर्वी चम्पारण के मधुबन और रामबाबू पासवान उर्फ धीरज शिवहर के तरियानी का निवासी है। चार्जशीट में बताया है कि राजन और धीरज मुजफ्फरपुर, वैशाली, सीतामढ़ी समेत उत्तर बिहार के जिलों के पूर्व नक्सलियों से संपर्क में थे। एनआईए ने जांच में स्पष्ट किया है कि आरोपी प्रमोद मिश्रा उर्फ सोहन दा प्रतिबंधित नक्सली संगठन का वरिष्ठ नेता है। वह नक्सली विचारधारा का प्रचार और उनके लिए हथियार, गोला-बारूद का प्रबंध कर रहा था। आरोपी प्रमोद मिश्रा के निर्देश पर दोनों आरोपित राजन और धीरज एक नक्सली संगठन के लिए धन जुटा रहे थे। इसका इस्तेमाल राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में करना था। वे पूर्व नक्सलियों को एक नक्सली संगठन में फिर से शामिल होने के लिए प्रेरित कर रहे थे। आम जनता में आतंक फैलाने और देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को खतरे में डालने के इरादे से नक्सली संगठन की विभिन्न गतिविधियों में भी शामिल था।
क्या है मामला :
बिहार एसटीएफ ने मई 2023 में बगहा में कॉम्बिंग ऑपरेशन चलाया था। इस दौरान लौकरिया थाना के बैरियाकला गांव के जंगल में नक्सली कैडरों से एके-47 और 470 राउंड गोलियां जब्त की गई थी। इसमें राजन व धीरज भी गिरफ्तार हुआ था। मामले की गंभीरता को देखते हुए एनआईए ने केस की जांच 23 जून 2023 को अपने अधीन ले ली थी। इसके लिए एनआईए ने नया केस दर्ज किया था। तब से मामले में जांच व कार्रवाई एनआईए कर रही है।
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