सूबे के 72 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेड जोन में
मुजफ्फरपुर सहित बिहार के 72 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र रेड जोन में हैं। इस साल नवंबर तक इन केंद्रों में 50 प्रतिशत मरीजों का भी इलाज नहीं किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सीएस को निर्देश दिया है...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। मुजफ्फरपुर सहित सूबे के 72 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) इलाज के मामले में रेड जोन में हैं। इस साल नवंबर तक इन पीएचसी में लक्ष्य के मुकाबले 50 प्रतिशत मरीजों का भी इलाज नहीं किया गया है। पूरे राज्य में 106 शहरी पीएचसी चलते हैं। मुजफ्फरपुर में शहरी पीएचसी की संख्या चार है। क्षेत्रीय अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ. कृष्ण कुमार झा ने तिरहुत प्रमंडल के सभी सीएस को शहरी पीएचसी में शत-प्रतिशत मरीजों के इलाज का निर्देश दिया है।
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार सूबे के 34 शहरी पीएचसी ही लक्ष्य के हिसाब से मरीजों का इलाज कर रहे हैं। सूबे में मरीजों के इलाज में पहले पायदान पर पटना का शहरी पीएचसी मारूफगंज है। दूसरे स्थान पर बक्सर का शहरी पीएचसी बक्सर है और तीसरे स्थान पर पटना का ही शहरी पीएचसी जया प्रभा है। इन तीनों शहरी पीएचसी में 100 प्रतिशत से अधिक मरीजों का इलाज ओपीडी में किया गया है।
50% से अधिक इलाज वाले उत्तर बिहार के सिर्फ दो जिले :
शहरी पीएचसी की ओपीडी में 50 प्रतिशत से अधिक मरीजों का इलाज करने में उत्तर बिहार के सिर्फ दो जिले शामिल हैं। इनमें 28वें नंबर पर दरभंगा और 31वें नंबर पर पश्चिम चंपारण है। दरभंगा के शहरी पीएचसी राज कैंपस में 54 प्रतिशत और पश्चिम चंपारण के शहरी पीएचसी बगहा 2 में 50.87 प्रतिशत मरीजों का इलाज किया गया। मुजफ्फरपुर के बालूघाट शहरी पीएचसी में 42.52 प्रतिशत, अघोरिया बाजार में 35.65 प्रतिशत, कन्हौली में 30.70 प्रतिशत और ब्रह्मपुरा में 21.43 प्रतिशत मरीजों का इलाज किया गया।
सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग भी नहीं :
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक सूबे के सिर्फ 15 शहरी पीएचसी में महिलाओं के सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग हो रही है। इसके अलावा किसी भी शहरी पीएचसी पर इस वर्ष नवंबर तक सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग नहीं हुई। यह स्थिति तब है, जब स्वास्थ्य विभाग सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए किशोरियों को टीका दे रहा है। सर्वाइकल कैंसर के अलावा शहरी पीएचसी अघोरिया बाजार में ब्रेस्ट कैंसर की स्क्रीनिंग नहीं हुई।
शुगर-बीपी जांच में जिले की स्थिति बेहतर :
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक बीपी और शुगर जांच में मुजफ्फरपुर बेहतर है। नवंबर तक मुजफ्फरपुर के कन्हौली शहरी पीएचसी में 98.64 प्रतिशत मरीजों की बीपी जांच की गई। अघोरिया बाजार में 96.80 प्रतिशत, बालू घाट में 76 प्रतिशत। सिर्फ ब्रह्मपुरा में 45 प्रतिशत बीपी जांच की गई। शुगर जांच में कन्हौली पूरे प्रदेश में अव्वल है। यहां 98.6 प्रतिशत लोगों की शुगर जांच की गई।
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