माफिया ने बेच दी सड़क की जमीन, रामदयालु आरओबी में रोड़ा
मुजफ्फरपुर में भू-माफिया ने पुराने एनएच 28 और नए एनएच 122 की सरकारी जमीन को बेच दिया है, जिससे रामदयालु में आरओबी निर्माण और सड़क चौड़ीकरण में बाधा आ रही है। एनएचएआई के परियोजना निदेशक ने जिला प्रशासन...

मुजफ्फरपुर, मुख्य संवाददाता। पुराने एनएच 28 और नये एनएच 122 की सरकारी जमीन को माफिया ने बेच दी। इससे रामदयालु में आरओबी निर्माण और सड़क चौड़ीकरण में बाधा आ रही है। अरबो रुपये की अवैध खरीद-बिक्री के इस मामले में साक्ष्य देते हुए एनएचएआई के परियोजना निदेशक ने जिला प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। मुजफ्फरपुर-समस्तीपुर सड़क के लिए वर्ष 1964 में अधिगृहीत जमीन की अवैध-बिक्री की गई है। अब बजाप्ता वहां कॉलोनी बस गई है, जिससे रामदायालु में आरओबी बनने पर संकट खड़ा हो गया है। जमीन माफिया की इस कारगुजारी को एनएचएआई के परियोजना निदेशक ने उजागर किया है।
मामला एनएच 122 (पुराना एनएच 28) रामदयालु अतरदह उर्फ सलाहपुर बुधन का है, जहां एक दो नहीं बल्कि सरकारी जमीन पर दर्जनों पक्का मकान बन चुके हैं। हाल ही में प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री ने रामदयालु में आरओबी और समस्तीपुर रोड को फोरलेन बनाने का शिलान्यास किया था, लेकिन अतिक्रमण इसमें बड़ी बाधा है। एनएचएआई के परियोजना निदेशक ने डीएम को उक्त जमीन संबंधित सभी कागजात साक्ष्य और अतिक्रमण की फोटो उपलब्ध कराते हुए अवैध कब्जा हटवाने का अनुरोध किया है। परियोजना निदेशक ने बताया है कि भू-माफिया एनएचएआई द्वारा वर्ष 1963-64 में अधिगृहीत सरकारी जमीन को आम जनता को बेचकर छल रहे हैं, जबकि उक्त जमीन के अधिग्रहण के दौरान सभी रैयत को मुआवजा भुगतान कर दिया गया था। रैयतों के मुआवजा भुगतान के दस्तावेज भी परियोजना निदेशक ने अपने पत्र में दर्ज किया है। परियोजना निदेशक ने बताया है कि जमीन का अतिक्रमण कर इसकी खरीद-बिक्री की गई और मुशहरी अंचल से उसका दाखिल-खारिज भी किया गया। एनएचएआई ने दाखिल-खारिज पर रोक लगाने का अनुरोध सीओ से किया लेकिन कार्रवाई नहीं होने से भू माफिया धीरे-धीरे कब्जा बढ़ाते जा रहे हैं। परियोजना निदेशक ने कहा है कि मुशहरी सीओ दाखिल-खारिज की प्रक्रिया को पूर्ण करते हुए अतिक्रमण को वैध करार दे रहे हैं। यह जगह रामदयालु रेलवे ओवरब्रिज पार करने पर बायीं तरफ है। परियोजना निदेशक ने स्पष्ट किया है कि रामदयालु ओवरब्रिज के निर्माण से पहले समस्तीपुर जाने वाली सड़क रामदयालु गुमटी होकर जाती थी। बाद में जाम की स्थिति को देखते हुए विभाग ने अतिरक्ति जमीन का अधिग्रहण कर रामदयालु ओवरब्रिज बनाया और ट्रैफिक को स्थानांतरित किया गया। इसके बाद रामदयालु गुमटी से कच्ची पक्की चौक तक सड़क बेकार रह जाने के कारण स्थानीय जमीन माफिया इस पर कब्जा कर खरीद बिक्री करने लगे। बयान: रामदयालु में अधिगृहीत जमीन पर अवैध कब्जा पाया गया है। इसकी रिपोर्ट भेजते हुए जिला प्रशासन से कार्रवाई का आग्रह किया गया है। वहां सड़क चौड़ीकरण के साथ आरओबी बनना है, जिसमें अतिक्रमण की बाधा है। - आशुतोष सिन्हा, परियोजना निदेशक, एनएचएआई दरभंगा।
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