जंक्शन का 45 फीसदी काम पूरा, अगले माह चालू होगा कंबाइंड टर्मिनल
मुजफ्फरपुर जंक्शन का 45 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अगले महीने कंबाइंड टर्मिनल चालू होगा। प्लेटफॉर्म संख्या आठ का काम पूरा, फुट ओवरब्रिज भी तैयार है। रेलवे बोर्ड के अनुसार, बिहार में पांच...

मुजफ्फरपुर, वरीय संवाददाता। विश्वस्तरीय जंक्शन का 45 प्रतिशत निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। अगले माह कंबाइंड टर्मिनल चालू होगा। इससे जुड़े प्लेटफॉर्म संख्या आठ का काम पूरा हो चुका है। फुट ओवरब्रिज भी तैयार है। टर्मिनल बिल्डिंग में प्रवेश करने के बाद फुट ओवरब्रिज के जरिए यात्री ऊपर ही ऊपर सीधे प्लेटफॉर्म संख्या सात व आठ पर पहुंच सकेंगे।
टर्मिनल बिल्डिंग का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद अंतिम चरण में फिनिशिंग कार्य चल रहा है। कंबाइंड टर्मिनल से सीतामढ़ी, मोतिहारी आदि रूटों की ट्रेनों का परिचालन होगा। सोमवार को रेलवे बोर्ड से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया है कि बिहार में मुजफ्फरपुर समेत पांच स्टेशनों के पुनर्विकास पर 1555 करोड़ खर्च किए जा रहे हैं। इनमें सर्वाधिक 442 करोड़ मुजफ्फरपुर जंक्शन के निर्माण पर खर्च होंगे। इस सूची में बापूधाम मोतिहारी (205 करोड़), सीतामढ़ी (272 करोड़), गया (296 करोड़) और दरभंगा (340 करोड़) भी शामिल हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद पूर्व मध्य रेल के महाप्रबंधक छत्रसाल सिंह ने बजट में रेलवे के लिए किए गए प्रावधानों के संबंध में जानकारी दी।
अमृत स्टेशन के रूप में विकसित हो रहा रामदयालु नगर :
रेलमंत्री ने कहा कि बिहार में 98 अमृत भारत स्टेशनों का पुनर्विकास कार्य चल रहा है। इसके तहत अमृत स्टेशन के रूप में मुजफ्फरपुर व रामदयालू नगर स्टेशन विकसित किए जा रहे हैं। साथ ही मधुबनी, झंझारपुर, दरभंगा, लहेरियासराय, बापूधाम मोतिहारी, बेतिया, रक्सौल, सुगौली, घोड़ासहन, जयनगर, जनकपुर रोड, नरकटियागंज, सीतामढ़ी, मोतीपुर, भगवानपुर, ढोली, सकरी, समस्तीपुर, शाहपुर पटोरी व अन्य स्टेशन शामिल हैं। इस योजना के तहत स्टेशन को आधुनिक बनाने के लिए मास्टर प्लान बनाकर चरणबद्ध तरीके से उस पर अमल किया जाएगा। ट्रैफिक सर्कुलेशन, उन्नत प्रतीक्षालय, प्लेटफॉर्मों पर बैठने के लिए व्यवस्थित जगह, मुफ्त वाई-फाई कनेक्टिविटी, शौचालय, स्वच्छता, लिफ्ट के साथ ही अन्य आधुनिक यात्री सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। यात्री सूचना प्रणाली को बढ़ाया जाएगा। स्टेशन के भवन की डिजाइन स्थानीय विरासत, संस्कृति व वास्तुकला से प्रेरित होगी।
गिट्टी रहित ट्रैक शुरू करने पर भी होगा फोकस :
एक्सपर्ट के मुताबिक शहरी विकास के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर स्टेशनों के पुनर्विकास के लिए अमृत भारत स्टेशन योजना बनाई गई है। आसपास के शहरी क्षेत्रों के साथ स्टेशनों को एकीकृत करने, मल्टी मॉडल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने, दिव्यांगजनों के लिए सुविधाएं प्रदान करने, टिकाऊ और पर्यावरण-अनुकूल समाधान लागू करने, गिट्टी रहित ट्रैक शुरू करने आदि पर भी फोकस रहेगा। योजना का अंतिम लक्ष्य इन स्टेशनों को लंबी अवधि में जीवंत शहर केंद्र में बदलना है।
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