घर पर प्रसव से मुक्त पंचायत अभियान में जिला पिछड़ा
मुजफ्फरपुर में घर पर प्रसव मुक्त पंचायत अभियान असफल साबित हो रहा है। कटरा प्रखंड में 74 प्रतिशत प्रसव घर पर हुए हैं, जबकि पूरे जिले में केवल 41 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने...

मुजफ्फरपुर, प्रमुख संवाददाता। घर पर प्रसव मुक्त पंचायत अभियान में मुजफ्फरपुर जिला पिछड़ गया है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने अक्टूबर में राज्य के नौ जिलों में घर पर प्रसव मुक्त अभियान की शुरुआत की थी। पहले चरण में पूरे राज्य के नौ जिलों की 80 पंचायतों को घर पर प्रसव से मुक्त कराना था।
मुजफ्फरपुर जिले के औराई, कटरा, कुढ़नी और गायघाट प्रखंड की 19 पंचायतों को घर पर प्रसव मुक्त अभियान के लिए चिह्नित किया गया था, लेकिन तीन महीने बाद भी अभियान फिसड्डी साबित हो रहा है। स्वास्थ्य विभाग के अपर निदेशक डॉ. कृष्ण कुमार झा ने सीएस को इस अभियान में शत-प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त करने का निर्देश दिया है।
कटरा प्रखंड में 74 प्रतिशत प्रसव हुए घर पर :
घर पर प्रसव अभियान में शामिल होने के बाद भी नवंबर में कटरा प्रखंड में 74 प्रतिशत प्रसव घर पर हुए हैं। पूरे जिले में सबसे अधिक घर पर प्रसव कटरा में ही हुए हैं। पूरे जिले में नवंबर में 16 प्रतिशत प्रसव घर पर हुए हैं। कटरा के अलावा गायघाट में 26 प्रतिशत, औराई में पांच प्रतिशत और कुढ़नी में चार प्रतिशत प्रसव घर पर हुए हैं। दिसंबर तक इस अभियान को पूरी तरह से सफल करने का लक्ष्य रखा गया था। इस अभियान के तहत आशा कार्यकर्ताओं को घर पर प्रसव मुक्त पंचायत में सक्रिय भागीदारी कराने का निर्देश दिया गया था।
जिले में 41 फीसदी ही संस्थागत प्रसव :
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से नवंबर तक जिले में 41 प्रतिशत संस्थागत प्रसव ही हुए हैं। सबसे अधिक 64 प्रतिशत संस्थागत प्रसव बंदरा में हुए हैं। दूसरे स्थान पर साहेबगंज का है। साहेबगंज में 57 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए हैं। सदर अस्पताल में सिर्फ 33 प्रतिशत संस्थागत प्रसव हुए हैं।
वेलनेस सेंटर में खुले केंद्रों पर भी नहीं हो रहा प्रसव :
संस्थागत प्रसव बढ़ाने के लिए वेलनसे सेंटर पर खुले एल-1 प्रसव केंद्र पर भी प्रसव नहीं हो रहे हैं। जिले में 20 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर एल-1 प्रसव केंद्र खोले गये हैं। स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में बताया गया कि नवंबर में 20 में सिर्फ छह वेलनेस सेंटर पर ही प्रसव हुए हैं। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि कई केंद्रों पर नवजातों के लिए संसाधन नहीं हैं। मनियारी स्थित एल-1 प्रसव केंद्र पर नवजात के लिए वार्मर भी नहीं है। ठंड में नवजात के लिए वार्मर की सबसे ज्यादा जरूरत है। वार्मर नहीं होने से नवजात की जान पर खतरा बना रहता है।
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