अखंड पाठ शुरू, आज निकलेगा नगर कीर्तन जुलूस
सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर का शहीदी दिवस 12 दिसंबर को मनाया जाएगा। इसको लेकर सोमवार से रमना स्थित गुरुद्वारे में 48 घंटे का अखंड पाठ शुरू हुआ। इसका समापन बुधवार को शहीदी दिवस पर होगा। वहीं,...
सिखों के नौवें गुरु तेगबहादुर का शहीदी दिवस 12 दिसंबर को मनाया जाएगा। इसको लेकर सोमवार से रमना स्थित गुरुद्वारे में 48 घंटे का अखंड पाठ शुरू हुआ। इसका समापन बुधवार को शहीदी दिवस पर होगा। वहीं, मंगलवार को कीर्तन-भजन के बाद गुरुद्वारा से नगर कीर्तन जुलूस निकाला जाएगा। इसमें गुरु व उनके शिष्यों की झांकी शामिल होगी। पूरे रास्ते दिल्ली से आए गतका पार्टी के कलाकार अपना करतब दिखाएंगे।शहीदी दिवस की शुरुआत शाम में आरती व अखंडपाठ के साथ हो गई। इसको लेकर संध्या में हरिकीर्तन व कथा का भी आयोजन हुआ। लुधियाना से आए कथावाचक देवेन्द्र सिंह ने गुरु तेग बहादुर के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डाला। सभी को उनके आदर्शों पर चलने की सीख दी। सहारनपुर के रागी भाई गुरमित सिंह व शिमला के रागी तेगिन्दर सिंह ने भजन-कीर्तन प्रस्तुत कर संगत को निहाल किया। गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष सरदार अवतार सिंह ने बताया कि मुगल सम्राज में जब जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। तब कश्मीर के पंडित अध्यात्म के बौधिक युग के अगुवा माने जाते थे। पंडितों के प्रतिनिधिमंडल ने गुरु तेग बहादुर को अपनी व्यथा सुनाई। इसका उपाय करने की बात कही। गुरु ने चिंतन किया और कहा कि यह तभी संभव हो सकता है जब किसी महापुरुष का बलिदान हो। बलिदान से जो रक्त गिरेगा, उससे क्रान्ति होगी। पाप का विनाश होगा। उस समय गुरु के पुत्र गुरु गोविन्द सिंह नौ साल के थे। उन्होंने पिताजी के उदासी का कारण जानकार उनको बलिदान देने के लिए प्रेरित किया। कहा कि आपसे बड़ा महात्मा कौन होगा। दिल्ली में गुरु को इस्लाम कबूल करने के लिए यातनाएं दी गईं। उनके तीन शिष्यों ने बलिदान दे दिया और अंत में चांदनी चौक पर गुरु का सर भी तलवार से अलग कर दिया। मौके पर कोषाध्यक्ष सरदार पंजाब सिंह भी थे। इस रूट से गुजरेगा नगर कीर्तन जुलूसनगर कीर्तन जुलूस गुरुद्वारा से निकलकर हरिसभा, मोतीझील, अस्पताल रोड, सूतापट्टी, सरैयागंज, गरीबस्थान, सोनारपट्टी, दीपक सिनेमा, हरिसभा चौक होते हुए गुरुद्वारा पहुंचेगा।