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खर्च पर नजर : नेताओं की हवाई उड़ान पर आयोग ने मांगी रिपोर्ट, देश की 97 विमान कंपनियों से रेट लिस्ट तलब

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे चुनाव आयोग ने देश की 97 विमान कंपनियों से रेट लिस्ट तलब किया है। इस रेट लिस्ट के सहारे आयोग उम्मीदवार व दलों के स्टार प्रचारकों की हवाई उड़ान का हिसाब...

खर्च पर नजर : नेताओं की हवाई उड़ान पर आयोग ने मांगी रिपोर्ट, देश की 97 विमान कंपनियों से रेट लिस्ट तलब
मुजफ्फरपुर। कुंदन कुमारThu, 27 Aug 2020 11:58 AM
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बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे चुनाव आयोग ने देश की 97 विमान कंपनियों से रेट लिस्ट तलब किया है। इस रेट लिस्ट के सहारे आयोग उम्मीदवार व दलों के स्टार प्रचारकों की हवाई उड़ान का हिसाब रखेगा। उम्मीदवार या कोई दल अपने हवाई उड़ान के खर्च का ब्योरा चुनाव आयोग से नहीं छुपा पायेगा। आयोग ने जिलों को भी विमान कंपनियों से संपर्क कर उनका रेट लिस्ट लेने का निर्देश दिया है।
चुनाव प्रचार के दौरान स्टार प्रचारक व उम्मीदवारों की हवाई उड़ानों पर आयोग की इस बार गहरी नजर है। चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले ही चुनाव आयोग ने इसपर काम शुरू कर दिया है। आयोग ने एनएसओपीएच (नॉन शिड्यूल ऑपरेटर्स परमिट होल्डर) विमान कंपनियों से रिपोर्ट की मांग की है।
आयोग ने पूछा है कि एयरक्राफ्ट की सेवा देने वाले इन विमान कंपनियों का प्रति घंटा शुल्क क्या निर्धारित है। अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी गोपाल मीणा ने इसके लिए सभी जिलाधिकारियों को भी निर्देश जारी किया है। उन्होंने जिलों को कहा है कि वे अपने स्तर से भी विमान कंपनियों की रेट लिस्ट पहले ही हासिल कर लें। इन विमान कंपनियों में सार्वजनिक क्षेत्र की विमान कंपनियों के अलावा बड़ी संख्या में  निजी क्षेत्र की भी विमान कंपनियां शामिल हैं। आयोग के इस निर्देश के बाद सभी जिलों ने विमान कंपनियों से रेट लिस्ट की मांग भी कर दी है। जिलों में लिस्ट आने के बाद उनका संधारण किया जाएगा ताकि चुनाव प्रचार पर हुए खर्चों का ब्योरा रखा जा सके।

हवाई खर्चे का ब्योरा गलत मिलने पर इस बार नई कवायद
इससे पहले के चुनावों में हवाई उड़ानों का खर्च बताने की जिम्मेवारी उम्मीदवार या दलों की होती थी। लेकिन समीक्षा में यह बात सामने आई कि स्टार प्रचारकों से धुआंधार प्रचार कराने वाले दलों ने उनके हवाई खर्चे का ब्योरा सही नहीं दिया। जांच में दलों द्वारा उपलब्ध करायी गई जानकारी व विमान कंपनियों से मिली जानकारी में अंतर पाया गया। इस कमी को दूर करने और चुनाव खर्च का सही हिसाब रखने के लिए इस बार अधिसूचना जारी होने से पहले ही इसकी कवायद तेज हो गई है। अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी के निर्देश पर जिलों ने विमान कंपनियों को पत्र लिखा है ताकि वे प्रति उड़ान का घंटे के हिसाब से खर्च का ब्योरा जुटा सकें।

 

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