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कई दवाएं महंगी, कीमत 35 फीसदी तक बढ़ी

चीन में फैले कोरोना वायरस का असर दवाओं पर भी पड़ने लगा है। बुखार व पेट संबंधी बीमारियों की दवाओं की कीमत बढ़ गई है। शहर में कई तरह के एंटीबायोटिक, पैरासिटामोल व पेट खराब की दवाओं की मूल कीमत में 20 से...

कई दवाएं महंगी, कीमत 35 फीसदी तक बढ़ी
मुजफ्फरपुर | संतोष कुमारWed, 04 Mar 2020 10:34 AM
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चीन में फैले कोरोना वायरस का असर दवाओं पर भी पड़ने लगा है। बुखार व पेट संबंधी बीमारियों की दवाओं की कीमत बढ़ गई है। शहर में कई तरह के एंटीबायोटिक, पैरासिटामोल व पेट खराब की दवाओं की मूल कीमत में 20 से 35 फीसदी की वृद्धि हुई है। 
सबसे अधिक असर जेनरिक दवाओं पर पड़ा है। इसका कारण चीन से एक माह से दवा फैक्ट्रियों से कच्चा माल आना बंद होना बताया जा रहा है। भारत में जो कच्चे माल हैं, वह काफी महंगे हैं। इससे कई आवश्यक दवाओं की कीमतों में कंपनियां व आपूर्तिकर्ता दाम बढ़ा रहे हैं। हालांकि, फार्मास्यूटिकल मूल्य निधारण प्राधिकार (एनपीपीए) ने औषधि नियंत्रण विभाग को नजर रखने का आदेश जारी कर दिया है। 
चीन से भारत में 58 तरह की दवाएं आती हैं। इसमें 70 फीसदी दवाएं चीन से आए कच्चे माल से तैयार होती हैं। 80 फीसदी दवाएं जेनरिक होती हैं। इस कारण सरकारी अस्पतालों में इसकी कमी के साथ अधिक दामों पर मिलने की आशंका जतायी जा रही है। मुजफ्फरपुर की दवा मंडी पर आंशिक असर है। हर माह में यहां की दवा मंडी का टर्न ओवर 40 करोड़ रुपये है। केमिस्ट ड्रगिस्ट एसोसिएशन का कहना है कि देश की करीब आधी दवाइयां चीन से आयात होती हैं। पिछले एक माह से चीन से दवाइयां आनी लगभग बंद हो गई हैं। इस स्थिति में यहां की दवाई अब महंगी हो जाएगी। 
अभी मुजफ्फरपुर में मूल्य नियंत्रित
एसोसिएशन के ज्वाइंट सेक्रेटरी दिलीप जालान  ने बताया कि मुजफ्फरपुर में करीब दो माह बाद एंटीबायोटिक, पैरासिटामोल, पेन किलर आदि की दवा महंगी हो चुकी है। उन्होंने बताया कि जब दवा कंपनियों की लागत बढ़ेगी तो वह दवा की कीमत जरूर बढ़ाएगी। इस स्थिति में थोक विक्रेताओं व स्टॉकिस्टों को भी महंगी दवा आएगी। अभी मुजफ्फरपुर में मूल्य नियंत्रित है। इस बारे में ड्रग इंस्पेक्टर विकास शिरामणि ने बताया कि इसपर नजर है। दवाओं की कमी नहीं है। जमाखोरी की बात सामने आने पर कार्रवाई होगी। 
महंगी बिक रही कुछ प्रमुख दवाएं
चीन से आने वाली दवाओं में जीवन रक्षक के अलावा आठ तरह की विटामिन की दवाएं महंगी मिल रही हैं। इसमें सबसे अधिक विटामीन बी 12, छह की कीमत बढ़ गई है। 
सरकारी अस्पतालों में स्टॉक
सरकारी अस्पतालों में दवाओं का भंडारण पर्याप्त है। अगले चार माह तक के लिए स्टॉक फुल कर दिया गया है। एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने बताया कि दवाओं की कोई कमी नहीं है। सभी आवश्यक दवाएं हैं। इसी तरह सीएस डॉ. एसपी सिंह ने बताया कि दवाओं की कमी नहीं है। अस्पताल के लिए सभी आवश्यक जेनरिक दवाएं हैं। 
थाइलैंड से आयी युवती का नहीं चल रहा पता
थाइलैंड से शहर आयी युवती ट्रेसलेस है। पिछले तीन दिनों से स्वास्थ्य विभाग व डब्ल्यूएचओ को उसकी लोकेशन नहीं मिल पा रही है। दिल्ली मुख्यालय ने सीधे उसका नाम व पता लिखकर भेजा है। माड़ीपुर के जैतपुर की रहने वाली है। उसके पते में पिता या किसी अभिभावक का भी नाम नहीं है। मोबाइल नंबर नहीं है। इस बारे में एसीएमओ डॉ. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि खोज की जा रही है। अबतक युवती नहीं मिली है। आधा दर्जन कर्मी खोज में जुटे हुए हैं। कई वार्ड के नाम बता रहे हैं। बुधवार को जाकर खुद से देखेंगे। इसके बाद आगे की कार्रवाई होगी। दिल्ली में कैम्प रखा गया था। जबतक मिलेगी नहीं, कुछ स्पष्ट नहीं बताया जा सकता है।
लक्षण
 हल्का बुखार लगना, कमजोरी होना
  तेज सर्दी, कफ से नाक का भर जाना 
  तेज सिर दर्द, सांस लेने में परेशानी 
कोई बाम व अन्य दवाएं कारगर नहीं
निमोनिया होने से जान का खतरा
बचाव

  मास्क जरूर पहनें, सफाई रखें
  अगर किसी को तेज सर्दी बुखार की समस्या है तो डॉक्टर से मिलें
  किसी से हाथ मिलाते हैं तो हाथ को पूरी तरह से साफ करें 
घर के आसपास गंदगी बिल्कुल नहीं होने दें 
 यदि संदिग्ध मरीज दिखे तो स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी को सूचना दें  

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