सुकन्या समृद्धि योजना में कई जिले पिछड़े
डाक विभाग में लक्ष्य के अनुरूप सुकन्या समृद्धि योजना में खाते नहीं खुल रहे हैं। इस कारण दो साल में तीन लाख 30 हजार 373 लड़कियों को इस योजना नहीं जोड़ा जा सका है। इससे योजना में उत्तर बिहार के कई जिले...
डाक विभाग में लक्ष्य के अनुरूप सुकन्या समृद्धि योजना में खाते नहीं खुल रहे हैं। इस कारण दो साल में तीन लाख 30 हजार 373 लड़कियों को इस योजना नहीं जोड़ा जा सका है। इससे योजना में उत्तर बिहार के कई जिले पिछड़ गए हैं।
केंद्र की आपत्ति के बाद मुजफ्फरपुर उत्तरी क्षेत्र के पीएमजी अशोक कुमार ने आठ डिवीजन के 36 अधिकारियों को पांच-पांच गांव गोद लेने को कहा है। इन गांवों का नाम संपूर्ण सुकन्या ग्राम रखा जाएगा। इस कार्य में दरभंगा, मधुबनी, पूर्वी व पश्चिमी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सारण, सीतामढ़ी, सीवान डिवीजन के अधिकारियों को लगाया गया है।
वित्तीय वर्ष 2016-17 में इन आठों डिवीजन को एक लाख 57 हजार न्यूनतम लक्ष्य दिया गया था। इतनी संख्या में शून्य से लेकर दस साल की हर लड़कियों को योजना से जोड़ना था, लेकिन मात्र 48 हजार 454 खाते ही खुल सके।
इसी तरह वित्तीय वर्ष 2017-18 में दो लाख 75 हजार लड़कियों को इस योजना में शामिल करने का न्यूनतम लक्ष्य तय हुआ। इसके विरुद्ध 53 हजार 173 का ही खाता खुला। इसकी समीक्षा के बाद कड़ी आपत्ति की गई है। दोनों वित्तीय वर्ष मिलाकर लक्ष्य के अनुसार मधुबनी में 6709, मुजफ्फरपुर में 944 और सीतामढ़ी में 280 कम खाते खुले। अन्य डिविजन में बढ़त है, लेकिन संतोषजनक नहीं है।
पीएमजी ने बताया कि अधिकारियों को गांव गोद लेने को कहा गया है। अधिक से अधिक बच्चियों को योजना से जोड़ना है। यह सही कि डिवीजनों ने 50 फीसदी भी लक्ष्य पूरा नहीं किया गया है। इसको देखते हुए आदेश जारी कर दिए गए हैं।
क्या है योजना: इस योजना के तहत 0 से 10 वर्ष की आयु तक की कन्याओं के खाते न्यूनतम 1000 रुपये से खोले जाएंगे। इसके तहत अभिभावकों को एक हजार रुपये प्रतिमाह 14 वर्ष तक जमा करना होगा। 21 वर्ष के बाद खाता परिपक्व होने पर उन्हें 6,41,092 की धनराशि वापस मिलेगी। योजना के तहत खोले गए खाते में जमा धनराशि अभिभावक नहीं निकलेंगे। कन्या के 18 वर्ष होने के बाद उसे ही पैसा निकालने दिया जाएगा। इसके लिए अभिभावक को लिखकर देना होगा कि बेटी की शादी या फिर शक्षिा के लिए पैसे निकाल रहे हैं।
यह मिलता है लाभ
-वार्षिक 9.1 प्रतिशत ब्याज
- सिर्फ 0 से 10 वर्ष की कन्याओं के खुलेंगे खाते।
- एक वर्ष में 1000 रुपये न्यूनतम एवं डेढ़ लाख रुपये अधिकतम जमा करने की सुविधा
- बेटी के 18 वर्ष पूरे होने पर 50 प्रतिशत धनराशि निकालने का प्रावधान