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विश्वास की रक्षा व संवेदना का विस्तार करता है साहित्य

साहित्यिक समारोह प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में आयोजित हुआ कार्यक्रम साहित्य में डॉ. संजय...

विश्वास की रक्षा व संवेदना का विस्तार करता है साहित्य
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरSun, 05 Dec 2021 10:51 PM
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मुजफ्फरपुर। वरीय संवाददाता

हम सब परमात्मा की संतान हैं। मनुष्य रूप में हमें अपने भीतर के दिव्य भाव को सदा बचाकर रखना चाहिए। संजय पंकज का कवि होना उनकी ऋषि भूमिका को भी तय करता है। ये बातें रविवार को प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में आयोजित साहित्यिक समारोह में वरिष्ठ राजयोगिनी बीके रानी दीदी ने कहीं।

साहित्यकार डॉ. संजय पकंज को जन्मदिन की बधाई देते हुए डॉ. महेंद्र मधुकर ने कहा कि संजय पंकज का चैतन्य बोध जागृत है और वह साहित्य की विभिन्न विधाओं में पूरी संवेदनशीलता के साथ प्रकट होता है। मुख्य अतिथि के रूप में उड़ीसा से आए साहित्यकार डॉ. अनिल कुमार ने कहा कि मुजफ्फरपुर निश्चित रूप से बिहार की सांस्कृतिक राजधानी है, क्योंकि यह शहर अपने रचनाकार का सम्मान करना जानता है। संजय पंकज राष्ट्रीय फलक पर अपनी साधना के कारण सम्मानित होते हैं और आज अपना आशीर्वाद और स्नेह देने के लिए समाज के हर वर्ग के लोग जिस तरह आए हैं, वही रचनाकार की श्रेष्ठता को सिद्ध करता है। लेखिका डॉ इंदु सिन्हा, डॉ. रिपुसूदन श्रीवास्तव ने कहा कि यह हम सब के लिए गौरव की बात है कि ये साहित्य का प्रतीक हैं। पूर्व मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा के साहित्य समाज को दिशा देता है और संजय पंकज मुजफ्फरपुर में साहित्य संस्कृति का अलख जगाए रहते हैं। डॉ. संजय पंकज ने कहा कि साहित्य विश्वास की रक्षा और संवेदना का विस्तार करता है। स्वागत समाजसेवी अविनाश तिरंगा उर्फ ऑक्सीजन बाबा ने किया।

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