पूजा में सेहत का भी रखें ध्यान वरना खलल डालेंगी बीमारियां
नवरात्र में व्रत रखकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। व्रत में रहने से डाइजेशन सिस्टम को तो आराम मिलता है, लेकिन अधिक समय तक उपवास रखने से सेहत बिगाड़ भी सकती है। खासकर बीमार लोगों व गर्भवतियों...
नवरात्र में व्रत रखकर मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। व्रत में रहने से डाइजेशन सिस्टम को तो आराम मिलता है, लेकिन अधिक समय तक उपवास रखने से सेहत बिगाड़ भी सकती है। खासकर बीमार लोगों व गर्भवतियों को इस दौरान विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है। फिजिशियन डॉ. सुनील कुमार ने बताया कि डायबिटीज, बीपी, मनोरोगी व टीबी के मरीजों को ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है।
डायबिटीज के मरीज बरतें खास सावधानी
डायबिटीज के मरीज पूरा व्रत बिल्कुल न रखें। अगर कोई न माने तो उसे डॉक्टर से सलाह लेने का सुझाव दें। डॉ. कुमार ने बताया कि ऐसा इसलिए कि मधुमेह से पीड़ित लोगों को लंबे व्रत के दौरान हाइपोग्लाइसीमिया (ब्लड में शुगर की कमी) होने की आशंका रहती है। मधुमेह के मरीजों को इस दौरान डॉक्टर की सलाह लेकर ही डाइट प्लान बनाना चाहिए ताकि वे व्रत भी कर सकें और उनकी सेहत पर गलत असर भी न पड़े। ज्यादा ड्राई फ्रूट्स और तली चीजों के सेवन से बचना चाहिए। दवा बिल्कुल नहीं छोड़ें।
गर्भवतियों को सभी व्रत से बचना चाहिए
नवरात्र में गर्भवतियों को सभी दिन का व्रत रखने से बचना चाहिए। इन दिनों में उनको बिल्कुल भूखा नहीं रहना चाहिए, क्योंकि इससे बच्चे की सेहत पर असर पड़ेगा। डॉ. कुमार ने बताया कि खाली पेट होने से दस्त भी हो सकता है। इससे गर्भस्थ शिशु पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
फलाहारी के दौरान ज्यादा खाने से बचें
नवरात्र में वजन कम करने के उद्देश्य से कई लोग लंबा व्रत करते हैं और फलाहारी के दौरान इतना ज्यादा खा लेते हैं कि तबीयत बिगड़ जाती है। डॉ. कुमार ने बताया कि व्रत के दौरान लोग दिन में एक ही बार खाते हैं। वे भूखे होने के कारण ज्यादा खा लेते हैं। इससे उनकी ऊर्जा दूसरे कामों की जगह भोजन को पचाने में ही ज्यादा खर्च हो जाती है और थकावट होने लगती है।
कितने अंतराल पर क्या खाएं
डॉ. कुमार ने बताया कि लोगों को शरीर की जरूरत को ध्यान में रखकर ही अपने लिए व्रत का चुनाव करना चाहिए। यह भी ध्यान रखें कि आप कितनी देर तक भूखे रहने के बाद भी ठीक महसूस करते हैं। कुछ सामान्य बातों का सभी को ध्यान रखना चाहिए।
लंबे समय तक भूखे रहने से बचें। हर तीन-चार घंटे में दूध, छाछ, दही या फल आदि खाएं।
व्रत के दौरान ज्यादा-से-ज्यादा मौसमी सब्जियां खाएं। आलू के मुकाबले पालक, मूली, टमाटर, कद्दू, सीताफल ज्यादा खाएं।
फल काफी खाएं। कोशिश करें कि जूस के बजाय फल ही खाएं। जूस पीने का मन हो तो ताजा जूस ही पीएं।
दूध, दही, पनीर जैसे डेयरी प्रॉडक्ट्स ज्यादा मात्रा में लें। इनसे शरीर को अच्छी मात्रा में प्रोटीन मिलता।
व्रत में चाय व कॉफी पीने से सेहत खराब हो सकती है।