सामान की ढुलाई के समय ई वे बिल रखना अनिवार्य
एक समान टैक्स प्रणाली के लिए पूरे देश में जीएसटी को लागू किया गया है। इसमें वस्तुओं के निर्बाध परिवहन के लिए इलेक्ट्रॉनिक वे बिल (ई वे बिल) जारी करने का निमय है। यह बिल पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम...
एक समान टैक्स प्रणाली के लिए पूरे देश में जीएसटी को लागू किया गया है। इसमें वस्तुओं के निर्बाध परिवहन के लिए इलेक्ट्रॉनिक वे बिल (ई वे बिल) जारी करने का निमय है। यह बिल पूरी तरह इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम से जेनरेटेड होगा। इसे सुविधा (वैट के तहत माल ढुलाई का रोड परमिट) के स्थान पर लाया गया है। ये बातें वाणिज्य कर विभाग के संयुक्त आयुक्त (प्रशासन) शंभू कुमार सिंह ने मंगलवार को सदर अस्पताल रोड स्थित कार्यालय कोटिल्य भवन में हुए जीएसटी सेमिनार में कहीं। ट्रांसपोर्ट व्यवसायियों को जीएसटी के प्रावधानों से अवगत कराते हुए उन्होंने कहा कि वस्तुओं की ढुलाई के समय ई वे बिल रखना अनिवार्य है। इसे जीएसटी नेटवर्क के कॉमन पार्टल पर बनाया जा सकता है। वहीं, उपायुक्त सह पश्चिम अंचल के प्रभारी अच्छेलाल प्रसाद ने कहा कि जीएसटी से निबंधित व्यवसायी या ट्रांसपोर्टर के लिए न्यूनतम पचास हजार रुपये तक की वस्तुओं की ढुलाई पर ई वे बिल अनिवार्य है। ई वे बिल बनाने वाले आवेदक को एक नंबर आवंटित किया जाएगा। इस नंबर को आपूर्तिकर्ता, प्राप्तकर्ता व ट्रांसपोर्टर को भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि वस्तुओं के ढुलाई के दौरान टैक्स इनवॉइस व डिलीवरी चालान रखना भी जरूरी है। मौके पर सहायक आयुक्त जाकिर अली अंसारी, सहायक आयुक्त अजीत कुमार व वाणिज्य कर अधिकारी सुकेश कुमार के अलावा मुजफ्फरपुर गुड्स ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष मंगीलाल पुरोहित, सचिव एसके ठाकुर, उपसचिव केके पांडेय, संगठन सचिव उमाशंकर तिवारी व पीएस सिंह समेत कई लोगों ने अधिकारियों से सवाल पूछे।