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उम्र के हिसाब से कन्या पूजन का बताया महत्व

नवरात्र में कन्या पूजन का बड़ा महत्व होता है। नवमी की पूर्णाहुति के बाद व्रति कन्या पूजन करेंगे। ऐसी मान्यता है कि कन्या पूजन से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और भक्तों के हर कष्ट को दूर करती है। इस बार...

उम्र के हिसाब से कन्या पूजन का बताया महत्व
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरFri, 23 Oct 2020 07:11 PM
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नवरात्र में कन्या पूजन का बड़ा महत्व होता है। नवमी की पूर्णाहुति के बाद व्रति कन्या पूजन करेंगे। ऐसी मान्यता है कि कन्या पूजन से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और भक्तों के हर कष्ट को दूर करती है। इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए गाइड लाइन के पालन के साथ कन्या पूजन किया जाएगा। प्रसाद को सोशल डिस्टेंस के साथ कन्याओं को बैठाकर पूजन करने की सलाह पंडितों ने दी है। पं. प्रभात मिश्र व पं. संदीप पाठक बताते है कि दो वर्ष की कन्या का पूजन करने से घर से दुख और दरिद्रता दूर हो जाती है। तीन वर्ष की पूजन से घर में धन-धान्‍य, चार साल की कन्या पूजन से परिवार का कल्याण, पांच वर्ष की कन्या पूजन करने से व्यक्ति रोगमुक्त रहता है। छह साल की कन्या पूजन से विजय, विद्या और राजयोग, सात साल की कन्या पूजन से घर में ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। आठ वर्ष की कन्या पूजन से सारे विवाद में विजयी मिलती है। नौ साल की कन्याएं पूजन करने से शत्रुओं का नाश हो जाता है और असाध्य कार्य भी पूरे हो जाते है। दस साल की कन्या पूजन से भक्तों के सारे मनोरथ पूरे होते है।

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