ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार मुजफ्फरपुरविकास का यह मॉडल जारी रहा तो दुनिया समाप्त होगी

विकास का यह मॉडल जारी रहा तो दुनिया समाप्त होगी

विकास का आधुनिक मॉडल विनाश की ओर ले जा रहा है। अग्नि आधारित प्रौद्योगिक और विकास का यदि यही मॉडल जारी रहा तो एक दिन दुनिया को समाप्त होना ही है। ये बातें समाजवादी चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा ने कही। उनकी...

विकास का यह मॉडल जारी रहा तो दुनिया समाप्त होगी
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरFri, 31 Aug 2018 11:14 AM
ऐप पर पढ़ें

विकास का आधुनिक मॉडल विनाश की ओर ले जा रहा है। अग्नि आधारित प्रौद्योगिक और विकास का यदि यही मॉडल जारी रहा तो एक दिन दुनिया को समाप्त होना ही है। ये बातें समाजवादी चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा ने कही। उनकी 90वीं वर्षगांठ पर गांधी शांति प्रतिष्ठान की ओर से गुरुवार को बीआरए बिहार विवि के एकेडमिक स्टॉफ कॉलेज में विशेष परिचर्चा का आयोजन किया गया। इसका विषय ‘सच्चिदानंद सिन्हा: कर्म और चिंतन के सहयात्री था। सच्चिदानंद सिन्हा ने कहा कि विज्ञान और तकनीक की आज की दिशा के विपरीत क्या विज्ञान की ऐसी दिशा हो सकती जिसमें प्रकृति का योगदान महत्वपूर्ण हो। यह चुनौती आज प्रमुख रूप से खड़ी है।

डॉ. अरुण कुमार सिंह के पूछने पर उन्होंने कहा कि गठबंधन यदि संविधान के ढांचे में बनता है तो ठीक है। सत्ता लाभ के लिए गठबंधन गैरवाजिब होता है। अध्यक्षता करते हुए वीसी डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव ने कहा कि न्यूनतम से संतुष्टि सच्चिदा बाबू के चिंतन के केंद्र में रहा है। सर्वोदयी चिंतक लक्षणदेव प्रसाद सिंह ने कहा कि सच्चिदा बाबू ने अपने जीवन और चिंतन से ऐसे आकाश खड़े किए हैं, जहां से समाजवाद को नई दिशा मिलती है। समाजवादी चिंतक अनिल प्रकाश ने कहा कि सच्चिदा बाबू के चिंतन की मौलिकता व गतिशीलता लेखन में भी दिखता है। प्रो. अनिल कुमार ओझा ने कहा कि प्रकृति को इतना नुकसान पहुंचा कर हम न जाएं कि हमारी संतति ही हमें याद न करे। अच्युतानंद किशोर नवीन ने कहा कि यह गर्व की बात है। हमें यह कहने का अवसर मिलेगा कि हमने सच्चिदा बाबू को देखा और सुना है। प्रो. अबुजर कमालुद्दीन, डॉ. कृष्ण मोहन, नीरज सिंह, डॉ. ब्रजेश कुमार शर्मा ने भी विचार रखें। प्रतिष्ठान के उपाध्यक्ष प्रो. विकास नारायण उपाध्याय ने सच्चिदा बाबूको पुष्प गुच्छ प्रदान किया। अरविंद वरुण ने संचालन व विषय प्रवेश प्रो. प्रमोद कुमार ने किया। धन्यवाद ज्ञापन लक्षणदेव प्रसाद सिंह ने किया। मौके पर प्रो. भोजनंदन प्रसाद सिंह, प्रो. बीएस झा, अमरनाथ सिंह, कैलाश ठाकुर, विनय प्रशांत, डॉ. जयकांत सिंह, प्रो. सरोज कुमार वर्मा, रमेश चंद्र, प्रो. मंजू सिन्हा, प्रो. अवधेश कुमार सिंह, डॉ. राकेश कुमार सिंह, डॉ. अजीत कुमार गौड़, प्रो. विजय कुमार जायसवाल, अनिल शंकर ठाकुर, डॉ. अवधेश कुमार, प्रो. हरिश्चंद्र सत्यार्थी, डॉ. हरेंद्र कुमार, डॉ. राजीव कुमार झा, प्रो. शैल कुमारी, डॉ. आलोक प्रताप सिंह, अजीत कुमार चौधरी, तारकेश्वर मिश्रा, सोनू सरकार, मुकेश ठाकुर, प्रो. मनेंद्र कुमार, डॉ. हेमनारायण विश्वकर्मा, डॉ अविनाश रंजन, हेमंत कुमार मौजूद थे।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें