सरकारी प्रक्रियाओं में फंसा होम्योपैथी दवा का रिसर्च सेंटर
सूबे का एक मात्र सरकारी आरबीटीएस होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में खुलने वाला दवाओं पर रिसर्च यूनिट सरकारी कागजी प्रक्रियाओं में फंस गया है। पटना रीजनल रिसर्च सेंटर ने अब तक इस दिशा में पहल नहीं...
सूबे का एक मात्र सरकारी आरबीटीएस होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में खुलने वाला दवाओं पर रिसर्च यूनिट सरकारी कागजी प्रक्रियाओं में फंस गया है। पटना रीजनल रिसर्च सेंटर ने अब तक इस दिशा में पहल नहीं की है। इस कारण तीन माह से केन्द्रीय होम्योपैथी अनुसंधान परिषद (सीसीआरएच) का एमओयू फाइलों में ही बंद है। कॉलेज के प्राचार्य डॉ. वीएनएस भारती ने सीसीआरएच व रीजनल केन्द्र से पहल करने का आग्रह किया है। 17 मई 2017 सीसीआरएच ने इस मेडिकल कॉलेज एवं अस्तपाल में स्कीन व श्वासजनित बीमारियों की दवा पर रिसर्च के लिए हरी झंडी दी। एमओयू पर हस्ताक्षर कर अपने पटना रीजनल सेंटर को पहल करने को कहा। लेकिन, कई तरह की कमियों का बहाना बना सेंटर ने पहल नहीं की। सीसीआरएच ने विभन्नि स्रोतों से मिली जानकारी के आधार पर यहां वायु प्रदूषण व गंदगी वाली बीमारियों को दवा पर रिसर्च करने को कहा है। दरअसल, मुजफ्फरपुर में वायु प्रदूषण बढ़ने व शहर में वन नहीं होने को लेकर अन्य हेल्थ की एपेक्श बॉडी ने रिपोर्ट दी थी। इसके आधार पर तत्काल श्वास व चर्म रोग की दवा पर रिसर्च को प्राथमिकता दी गई है। इन बीमारियों को लेकर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में विशेष ओपीड सेवा भी शुरू होनी थी, लेकिन अब तक कोई पहल नहीं हुई है। हालांकि, रीजनल सेंटर ने सीसीआरएच को जल्द पहल करने संबंधी रिपोर्ट भेज दी है। प्राचार्य ने बताया कि जुलाई में ही सेंटर खुलना था। इसको देखते हुए फिर सीसीआरएच को सूचना दी गई है।