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कटरा से कटी पंचायतों की महिलाओं की डिलीवरी भगवान भरोसे

कटरा की 12 पंचायतों का प्रखंड व जिला मुख्यालयों से संपर्क टूटने के बाद अब महिलाओं की डिलीवरी अब घरों में ही भगवान भरोसे हो रही है। अगले ढाई महीने में इलाके की 200 से अधिक गर्भवतियों की डिलीवरी खतरे...

कटरा से कटी पंचायतों की महिलाओं की डिलीवरी भगवान भरोसे
मुजफ्फरपुर। विभेष त्रिवेदी Wed, 01 Jul 2020 12:03 PM
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कटरा की 12 पंचायतों का प्रखंड व जिला मुख्यालयों से संपर्क टूटने के बाद अब महिलाओं की डिलीवरी अब घरों में ही भगवान भरोसे हो रही है। अगले ढाई महीने में इलाके की 200 से अधिक गर्भवतियों की डिलीवरी खतरे में पड़ गई है। बागमती नदी में जल स्तर बढ़ने के बाद बसघट्टा डायवर्सन बंद हो गया है। पानी की तेज धारा पर झूलते चचरी पुल और नाव से गर्भवतियों का कटरा पीएचसी पहुंचना अंसभव हो गया है। एम्बुलेंस या कोई भी चार पहिया वाहन अगले चार महीने कटरा की इन 12 पंचायतों में नहीं पहुंच पाएंगे। फैसिलेटर ने बताया कि मई-जून की अपेक्षा जुलाई से अक्टूबर तक अधिक संख्या में डिलीवरी होती है। गर्भवती महिलाओं की महीने में दो बार पीएचसी में स्वास्थ्य जांच होनी है, परन्तु यह संभव नहीं रहा। कटरा पीएचसी प्रभारी डॉ. गोपाल कृष्ण ने 15 दिन पहले पहसौल एवं यजुआर के एपीएचसी में डिलीवरी शुरू कराने की घोषणा की थी, परन्तु जमीनी सच्चाई खतरनाक है।
हेल्थ फैसिलेटर बबीता को सोमवार को सात वार्डों की आशा कार्यकर्ताओं ने रिपोर्ट सौंपी। जून में छह महिलाओं की डिलीवरी घर में हुई। सातवीं महिला को परिजनों ने बड़ी मुश्किल से दरभंगा के सिंघवारा पीएचसी पहुंचाया। पहसौल वार्ड-11 की आंगनबाड़ी सेविका सुचिता कुमारी ने बताया कि पिछले सप्ताह नरगिश ने घर में ही बच्चे का जन्म दिया। उनके पोषण क्षेत्र में 15 महिलांए गर्भवती हैं। खंगुरा डीह के वार्ड-आठ की आंगनबाड़ी सेविका निखत परबीन के क्षेत्र में 16 महिलाएं गर्भवती हैं। जून में चार महिलाओं की डिलीवरी घर में हुई।

गर्भवतियों का सर्वेक्षण व काउंसिलिंग शुरू
गांवों में गर्भवतियों का सर्वेक्षण व काउंसिलिंग शुरू हो गया है। यह काम पांच महीने से बगैर पैसे के काम कर रहीं आशा कार्यकर्ताओं के जिम्मे है। गर्भवतियों को बाढ़ आने से पहले ही शहर या किसी रिश्तेदार के घर पहुंचने की हिदायत दी जा रही है। आंगनबाड़ी सेविकाओं और आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि गरीब महिलाओं की घर में ही डिलीवरी से जच्चा-बच्चा की जान को गंभीर खतरा पैदा हो गया है। पहसौल वार्ड 13 की आंगनबाड़ी सेविका ने बताया कि दो गर्भवती डिलीवरी से पहले मायका चली गई थी, उनमें से एक की डिलीवरी शहर में हुई। तीसरी गर्भवती गांव में ही है।

13 वार्डों में 53 महिलाओं की डिलीवरी
पहसौल, खंगुरा व नगवारा पंचायतों के सिर्फ 13 वार्डों में ही अगस्त तक 53 गर्भवतियों की डिलीवरी होनी है। हेल्थ फैसिलेटर बबीता ने बताया कि उन्हें पहसौल के 13, खंगुरा के नौ व नगवारा के दो वार्डों का प्रभार मिला है। सात वार्डों में आशा कार्यकर्ता ने काम छोड़ दिया है। बबीता को 13 वार्डों से मिली रिपोर्ट के अनुसार जुलाई में 25 और अगस्त में 24 महिलाओं की डिलीवरी होनी है। बागमती के पूरब-उत्तर की 12 पंचायतों में अगस्त तक 200 से अधिक महिलाओं की डिलीवरी होनी है।  एक गर्भवती महिला को बाढ़ से पहले शहर चले जाने की हिदायत दी गई है। उसकी डिलीवरी ऑपरेशन से होनी है।  

वेलनेस सेंटर पर डिलीवरी शुरू कराई गई थी, लेकिन कोरोना संकट के दौरान बाधित हुआ है। कोविड -19 के खतरे के दौरान पीएचसी पर फोकस रहा। बाढ़ की तैयारी को लेकर मुख्यालय से गाइड लाइन आ जाएगा और शीघ्र पहसौल-यजुआर के अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में डिलीवरी शुरू कराई जाएगी।
 डॉ. गोपाल कृष्ण, कटरा पीएचसी प्रभारी

 

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