ट्रेंडिंग न्यूज़

Hindi News बिहार मुजफ्फरपुरधर्म की स्थापना के लिए धरती पर आते हैं भगवान

धर्म की स्थापना के लिए धरती पर आते हैं भगवान

माता पार्वती ने भगवान शंकर से पूछा कि पृथ्वी पर भगवान कौन है। इस पर भगवान शिव ने कहा कि इस पृथ्वी पर भगवान तो प्रभु श्रीराम हैं। जब-जब धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धर्म की स्थापना के लिए धरती पर...

धर्म की स्थापना के लिए धरती पर आते हैं भगवान
हिन्दुस्तान टीम,मुजफ्फरपुरMon, 17 Feb 2020 07:20 PM
ऐप पर पढ़ें

माता पार्वती ने भगवान शंकर से पूछा कि पृथ्वी पर भगवान कौन है। इस पर भगवान शिव ने कहा कि इस पृथ्वी पर भगवान तो प्रभु श्रीराम हैं। जब-जब धर्म की हानि होती है, तब-तब भगवान धर्म की स्थापना के लिए धरती पर अवतार लेते हैं। ये बातें अयोध्या से आए आचार्य संत स्मृति शरण महाराज ने सोमवार को खरौनाडीह में नौ दिवसीय श्रीरामचरितमानस नवाह परायण यज्ञ में तीसरे दिन कही। उन्होंने कहा कि श्रीरामचरितमानस में श्रीराम के जिन चरित्रों का वर्णन है उसका अनुकरण करना ही प्रभु श्रीराम व इस कथा के प्रति सच्ची निष्ठा है।

उन्होंने कहा कि भगवान की प्रेरणा से ही नारद जी हिमालय गए थे। वहां गंगा का तट है, आगे आश्रम अति पावन है। वह जगह अति दिव्य भी है। वहां जाते ही मन एकाग्र व शांत हो जाता है। सभी लोगों को वहां एक बार अवश्य जाना चाहिए। प्रकृति का सारा आनंद स्वर्ग जैसे अनुभव प्रदान करता है। इस दौरान उन्होंने नारद मोह, मनु व शतरूपा की तपस्या व भगवान श्रीराम की जन्म कथा का भी वर्णन किया।उधर, कला, संस्कृति व पर्यटन मंत्री प्रमोद कुमार, कुढ़नी विधायक केदार गुप्ता, भाजपा नेता देवांशु किशोर, हेक्योर के निदेशक अनिल कुमार सिंह, संजीत कुमार ठाकुर आदि भी कथा का श्रवण करने पहुंचे। इसके बाद प्रसाद ग्रहण कर कथावाचक से आशीर्वाद लिए।पर्यटन मंत्री ने भी भगवान श्रीराम के चरित्र का वर्णन किया। कहा कि प्रभु श्रीराम का राजा दशरथ, मां जानकी, भाई लक्ष्मण, सबरी व केवट के प्रति जो प्रेम-स्नेह और व्यवहार था वह अटूट था। हमलोगों को भी समाज के सभी वर्गों, परिवार व लोगों के प्रति स्नेह व आस्था रखनी चाहिए। महादेव भी माता गौरी को श्रीराम की कथा सुनाये। सृष्टि में श्रीराम व माता जानकी को ही भगवान की उपाधि मिली। उन्होंने कहा कि यही भारत की संस्कृति है। इसलिए कहा जाता है कि भारत एक सांस्कृतिक राष्ट्र है।

हिन्दुस्तान का वॉट्सऐप चैनल फॉलो करें