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लॉकडाउन से फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योगों को लगा झटका, जानें फैक्ट्रियों के उत्पादन में आई कितनी गिरावट

लॉकडाउन से फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योगों को झटका लगा है। इस उद्योग से जुड़ी फैक्ट्रियों के उत्पादन में 30 प्रतिशत तक की गिरावट आयी है। चावल, आटा, मैदा, दाल, सूजी, बेसन, सत्तू, सोयाबीन, खाद्य तेल व...

लॉकडाउन से फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योगों को लगा झटका, जानें फैक्ट्रियों के उत्पादन में आई कितनी गिरावट
मुजफ्फरपुर। कार्यालय संवाददाताSat, 12 Sep 2020 02:25 PM
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लॉकडाउन से फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योगों को झटका लगा है। इस उद्योग से जुड़ी फैक्ट्रियों के उत्पादन में 30 प्रतिशत तक की गिरावट आयी है। चावल, आटा, मैदा, दाल, सूजी, बेसन, सत्तू, सोयाबीन, खाद्य तेल व मशाला के अलावा नमकीन, बिस्कुट, बेकरी व डेयरी उत्पाद से जुड़े करीब पांच हजार छोटे-बड़े उद्यमियों को कई तरह की संकट से जूझना पड़ रहा है।
जिले में कुल उद्योगों में फूड प्रोसेसिंग की हिस्सेदारी 60 प्रतिशत है। उत्पादन में गिरावट के बीच खर्च में बढ़ोतरी से उद्यमियों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। लोगों की आय में कमी आने, मंदी, लग्न, धार्मिक व मेले के आयोजन पर रोक से फूड प्रोसेसिंग बाजार उबर नहीं पा रहे हैं। बेला औद्योगिक क्षेत्र में राइस मिल संचालक श्याम सुंदर भीमसेरिया बताते हैं कि एक इकाई में बीते साल 70 हजार टन धान की प्रोसेसिंग की गई। इस बार 45 हजार टन तक धान की प्रोसेसिंग का अनुमान है। लॉकडाउन के दौरान सरकार की ओर से चावल, गेहूं व चना आदि के वितरण से भी उत्पादन व व्यवसाय प्रभावित हुआ है। एक बड़ी आबादी के पास सरकारी अनाज पहुंचा। इससे फूड प्रोसेसिंग से जुड़े फैक्ट्रियों में उत्पादन घटा है। उन्होंने बताया कि सरकार के ऐलान के अनुसार बैंक से उद्यमियों को मदद नहीं मिल रही है। इससे भी उद्यमियों में निराशा है। मशाला फैक्ट्री संचालक प्रकाश चौधरी ने बताया कि लॉकडाउन के बाद अब बाजार पुरी तरह खुल चुका है। लेकिन, ग्राहकों की संख्या में कमी आयी है। 30 प्रतिशत तक ग्राहक कम आ रहे हैं। मंदी के कारण बाजार में पूंजी फंस गया है।

 

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